Julian Assange: ब्रिटेन कोर्ट का आदेश, विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को अमेरिका भेजें, जानें अब क्या होगा
यूके कोर्ट ने बुधवार को विकीलीक्स (WikiLeaks) के संस्थापक जूलियन असांजे (Julian Assange) को अमेरिका प्रत्यर्पण का आदेश दिया है।

ब्रिटेन (UK Court) की एक कोर्ट ने बुधवार को विकीलीक्स (WikiLeaks) के संस्थापक जूलियन असांजे (Julian Assange) को अमेरिका प्रत्यर्पण का आदेश दिया है। आरोप है कि इराक और अफगानिस्तान युद्धों से संबंधित गुप्त फाइलों के खुलासे का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित करने का औपचारिक आदेश जारी किया है। लेकिन आखिरी फैसला ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पाले में है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन की कोर्ट ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे के अमेरिका प्रत्यर्पण का आदेश दिया। साथ ही अगर खुलासे से जुड़े काम के लिए सजा होती है तो 175 साल जेल में काटने होंगे। विकीलीक्स ने बुधवार को कहा कि यह फैसला अब ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल के पास जाएगा। बचाव पक्ष के पास अब सबमिशन के लिए 18 मई तक का समय दिया गया है।
असांजे पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका समेत कई देशों के गुप्त दस्तावेजों को सार्वजनिक किया। साथ ही इराक और अफगानिस्तान में युद्ध से संबंधित गुप्त फाइलों को भी लीक किया। इन्हीं आरोपों को लेकर अमेरिका में मुकदमा का चलेगा। इसके अलावा असांजे पर एक स्वीडिश महिला ने बलात्कार का भी आरोप लगाया था।
ऐसे तमाम आरोपों के बाद उन्होंने इक्वाडोर से शरण मांगी थी। वहां की सरकार से सहमति मिलने के बाद असांजे 2019 तक लंदन में इक्वाडोर के दूतावास के एक छोटे से कमरे में रहे। फिर जब इक्वाडोर की सरकार ने उन्हें दी गई शरण वापस ले ली, तो उन्हें यूके पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। तब से वह जेल में है। जेल में रहते हुए उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड स्टेला मॉरिस से भी एक महीने पहले ही शादी की थी। स्टेला उनके बच्चों मां होने के साथ उनकी वकील भी हैं।

Vipin Yadav
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से स्नातक पूर्ण किया हूं। पढ़ाई के दौरान ही दैनिक जागरण प्रयागराज में बतौर रिपोर्टर दो माह के कार्य का अनुभव भी प्राप्त है। स्नातक पूर्ण होने के पश्चात् ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा हरिभूमि में बतौर एक्सप्लेनर के रूप में कार्यरत हूँ। अध्ययन के साथ साथ ही कंटेंट राइटिंग में विशेष रुचि है।