सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने इमरान खान को लगाई फटकार, कहा- देश को 90 दिनों के लिए बेसहारा छोड़ दिया
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Pak Supreme Court) में यह सुनवाई डिप्टी स्पीकर के उस आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर हो रही है, जिसमें इमरान सरकार के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया।

भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) में सियासी उथल-पुथल लगातार जारी है। पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री इमरान खान (caretaker prime minister imran khan) के खिलाफ जहां विपक्ष ने मोर्चा खोला हुआ है। पाकिस्तान में सियासी संकट के बीच डिप्टी स्पीकर के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट (Pak Supreme Court) में यह सुनवाई डिप्टी स्पीकर के उस आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर हो रही है, जिसमें इमरान सरकार के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। और पाकिस्तान की संसद को भी भंग करके तीन महीने के भीतर चुनाव कराने को कहा था।
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पाकिस्तान की संसद को भंग करके चुनाव के लिए 90 दिनों यानी तीन महीने का समय दिया गया है। चीफ जस्टिस ने कहा कि मौजूदा संकट में आपने 90 दिनों (तीन महीने) के लिए देश को बेसहारा छोड़ दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मजहर आलम ने राष्ट्रपति के प्रतिनिधि अली जाफर से कहा कि क्या अदालत संविधान का संरक्षक नहीं है? यदि कोई संसदीय प्रक्रिया से प्रभावित होता है तो फिर न्याय कैसे होगा? यदि अन्याय होगा तो क्या अदालत चुप रहेगी।
इस पर सरकार के वकील इम्तियाज सिद्दीकी सुप्रीम कोर्ट में कहा कि अपनी शपथ के अनुसार, स्पीकर सही निर्णय ले सकता है। यह संसद का आंतरिक मामला है। संसद के आंतरिक मामले पर सवाल नहीं खड़ा किया जा सकता है। पहले भी कोर्ट ने कभी संसद की आंतरिक कार्यवाही पर सवाल खड़ा नहीं किया है। संसद की कार्यवाही पर कोर्ट में सवाल नहीं खड़ा किया जा सकता है। सरकारी वकील ने यह भी कहा कि यदि संसदीय प्रक्रिया में कोई कमी है तो उसे दूर किया जा सकता है। लेकिन कोर्ट का इससे कोई भी लेना-देना नहीं होना चाहिए।