India-Canada Tension: भारत ने कनाडाई लोगों के वीजा पर लगाई रोक, खालिस्तान के समर्थन पर चौतरफा घिरा कनाडा
India-Canada Tension: भारत और कनाडा के बीच विवाद कम होता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। इसी कड़ी में भारत ने एक और सख्त कार्रवाई की है। कनाडाई लोगों के लिए वीजा की सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। पढ़िये कनाडा अगर खालिस्तानियों के समर्थन में खड़ा रहता है, तो भारत आगे क्या कदम उठा सकता है।

भारत ने कनाडाई लोगों के लिए ई-वीजा सेवाएं शुरू की।
India-Canada Tension: कनाडा के साथ खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में भारत को जिम्मेदार ठहराने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। उन्हें अपने गैरजिम्मेदाराना बयान के चलते न केवल दुनिया केे कई देशों से कड़ी समझाइश मिली हैै, वहीं कनाडा के विपक्ष समेत ट्रूडो की पार्टी के सांसद भी उनके बयान की आलोचना कर रहे हैं। बावजूद इसके ट्रडो ने अभी तक अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगी है। ट्रूडाे के इस रवैये के चलते कनाडा में भारतीय हिंदुओं को खालिस्तानियों की ओर से जान से मारने की धमकी दी जा रही है। कनाडा के मौजूदा हालात को देखते हुए भारत और कड़े कदम उठाने पर विचार कर रहा है। इसी कड़ी में आज भारत ने एक और सख्त एक्शन लिया है। कनाडा के लोगों के लिए भारत ने वीजा की सेवा को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया है। हालांकि, इसकी घोषणा अभी आधिकारिक तौर पर नहीं की गई है। यह पहली बार है, जब कोविड के बाद वीजा की सेवाएं निलंबित की गई हैं।
भारत ने वीजा सेवाएं की निलंबित
कनाडा की एक वेबसाइट ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि 21 सितंबर 2023 से भारतीय वीजा सेवाओं को अगली सूचना तक निलंबित कर दिया गया है। हालांकि, इस पर कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। यह पहली बार है, जब भारत ने कोविड-19 महामारी के बाद वीजा निलंबित किया है। यह निलंबन बुधवार को भारत की उस सलाह के बाद किया गया, जिसमें उसने कनाडा में अपने नागरिकों से बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों की वजह से ज्यादा सावधानी बरतने को कहा था। भारतीय छात्रों को विशेष रूप से ज्यादा सावधानी बरतने और सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
खालिस्तानी आतंकी की गोली मारकर हत्या के बाद से तनाव
खालिस्तानी आंतकी हरदीप सिंह निज्जर को ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे शहर में गुरु नानक सिख गुरुद्वारे की पार्किंग में गोली मार दी गई थी। वह शहर में अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का प्रमुख व्यक्ति था। एसएफजे ने इस हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। इसके बाद कनाडा ने इस मामले में जांच शुरू की थी, लेकिन जांच पूरी होने से पहले ही पीएम ट्रूडो ने भारत को अपनी संसद के भीतर जिम्मेदार ठहरा दिया था। साथ ही, भारत के राजदूत को भी निष्काषित कर दिया था। भारत ने भी पलटवार करते हुए बीते मंगलवार को कनाडाई डिप्लोमैट को भी निष्कासित कर दिया था और पांच दिन के भीतर देश छोड़ने को कहा था। इसके बाद ट्रडो ने अपनेे जवाब में कहा था कि वो भारत से किसी तरह का विवाद नहीं चाहता है, लेकिन यह गंभीर मामला है और भारत को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। हालांकि ट्रूडो के इस बयान के बाद से ही भारतीय हिंदुओं को जान से मारने की धमकियां मिलने लगी और एडवाइजरी भी जारी कर दी गई, जिसके चलते भारत को भी कड़े कदम उठाने के लिए विवश होना पड़ा है।
खालिस्तानी आतंकियों ने आईएसआई के एजेंटों से की सीक्रेट मीटिंग
कनाडा में मौजूद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंटों और खालिस्तान आतंकी समूहों के प्रमुखों ने हाल ही में वैंकूवर में एक सीक्रेट मीटिंग की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पांच दिन पहले हुई बैठक में सिख फॉर जस्टिस प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू और खालिस्तानी संगठनों के अन्य प्रमुख मौजूद थे। आईएसआई एजेंटों और खालिस्तानी समूहों के बीच बैठक के दौरान, जितना संभव हो सके भारत विरोधी प्रचार फैलाने की योजना बनाई गई थी। उधर, पाकिस्तान के विदेश मंंत्री बिलावल भुट्टो ने भी पीएम जस्टिन ट्रूडो का समर्थन किया था। हालांकि अपने इस समर्थन के लिए पाकिस्तान में ही बिलावल भुट्टो को विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

pushpendra
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