ब्रिटिश एयरवेज विमान से उतारे गए भारतीय परिवार ने लगाया नस्ली भेदभाव का आरोप, सुरेश प्रभु ने मांगी रिपोर्ट
सरकार के एक वरिष्ठ नौकरशाह ने ब्रिटिश एयरवेज पर “नस्ली भेदभाव” और “खराब व्यवहार” करने का आरोप लगाया है जिसने पिछले महीने उन्हें और उनके परिवार को विमान से इसलिए नीचे उतार दिया क्योंकि उनका तीन वर्ष का बेटा रो रहा था।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 10 Aug 2018 6:19 AM GMT
सरकार के एक वरिष्ठ नौकरशाह ने ब्रिटिश एयरवेज पर “नस्ली भेदभाव” और “खराब व्यवहार” करने का आरोप लगाया है जिसने पिछले महीने उन्हें और उनके परिवार को विमान से इसलिए नीचे उतार दिया क्योंकि उनका तीन वर्ष का बेटा रो रहा था। इस पर नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने इस मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। कथित घटना 23 जुलाई को उस समय हुई जब परिवार ब्रिटिश एयरवेज की उड़ान से लंदन से बर्लिन जा रहा था।
मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘मैंने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को मुद्दे पर ब्रिटिश एयरवेज से एक विस्तृत रिपोर्ट लेने का निर्देश दिया है।' डीजीसीए देश में उड्डयन निगरानीकर्ता है।
नौकरशाह ने नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु को गत तीन अगस्त को लिखे एक पत्र में आरोप लगाया है कि उनके पीछे बैठे एक अन्य भारतीय परिवार को भी विमान से उतार दिया गया क्योंकि उन्होंने बच्चे को शांत कराने के लिए बिस्किट दिया था।
अधिकारी ने आरोप लगाया कि चालक दल ने विमान को टार्मेक की तरफ मोड़ लिया जहां सुरक्षार्मियों ने उनके बोर्डिंग पास ले लिए।
उन्होंने कहा कि कस्टमर केयर सेवा के प्रबंधक ने उन्हें न तो विमान से उतारे जाने का कारण बताया और न ही शिकायत के बावजूद चालक दल के खिलाफ कोई कदम ही उठाया। उन्होंने कहा कि उन्हें रुकने के लिए खुद से इंतजाम करने पड़े और अगले दिन बर्लिन जाने के लिए मोटी रकम चुकानी पड़ी।
उन्होंने कहा कि दूसरे भारतीय परिवार को अगले दिन की उड़ान की टिकट दी गई लेकिन उनके लिए भी रूकने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। नौकरशाह सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी हैं।
सम्पर्क किये जाने पर ब्रिटिश एयरवेज के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम ऐसे आरोपों को बहुत गंभीरता से लेते हैं और किसी तरह का भेदभाव बर्दाश्त नहीं करते। हमने इसकी एक पूर्ण जांच शुरू कर दी है और ग्राहक के साथ संपर्क में हैं।”
उन्होंने बाद में कहा, ‘‘सभी एयरलाइन के लिए यह एक सुरक्षा जरूरत है कि यात्री विमान के उड़ान भरने के दौरान अपनी सीट बेल्ट बांध लें।' अधिकारी ने प्रभु को लिखे अपने पत्र में अपनी परेशानी बतायी और इस मामले की पूर्ण जांच के साथ ही ब्रिटिश एयरवेज के कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी बच्चे को चुप कराने प्रयास कर रही थीं लेकिन तभी चालक दल का एक ‘‘नाराज' सदस्य उनके पास आया और बच्चे को डांटते हुए उसे अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा। बच्चा खिड़की वाली सीट पर बैठा था लेकिन उसकी मां ने उसे शांत कराने के लिए अपनी बांहों में ले रखा था।
अधिकारी ने आरोप लगाया कि जब विमान ने रनवे की ओर बढ़ना शुरू किया तो बच्चे को डांटने वाला चालक दल का पुरूष सदस्य फिर से आया और चिल्लाते हुए बोला, ‘‘ तुम चुप होते जाओ, नहीं तो उठाकर खिड़की से बाहर फेंक दिए जाओगे।‘‘
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