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Haribhoomi Explainer: Congress की कट्टर विरोधी रही AAP, आखिर क्यों लगा रही समर्थन की आस

Haribhoomi Explainer: केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को राज्यसभा में चुनौती देने के लिए आम आदमी को अब कांग्रेस की सबसे ज्यादा जरूरत है। इससे पहले जब जब भी मौका लगा है, आप ने कांग्रेस का विरोध करने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी है। ऐसे में अब क्या कांग्रेस आप की मदद करेगी? आइये आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर में जानते हैं कि क्या इस मुद्दे पर आप का समर्थन करेगी कांग्रेस...

why congress does not want to support cm kejariwal on Delhi ordinance
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल। 

Haribhoomi Explaner: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को राज्यसभा में चुनौती देने के लिए आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) और उसके मुखिया अरविंद केजरीवाल कांग्रेस (Congress) से समर्थन की उम्मीद कर रहे हैं। इस अध्यादेश को रोकने के लिए केजरीवाल को राज्यसभा में कांग्रेस की हर हालत में जरूरत पड़ेगी। यही कारण है कि आप के नेता कांग्रेस को लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं। शुरुआत में तो ऐसा लगा कि कांग्रेस, आप को सपोर्ट कर सकती है, लेकिन जैसे ही पार्टी के नेता एक्टिव हुए तो कांग्रेस ने साफ कर दिया कि वो इस मामले पर आम आदमी पार्टी के साथ नहीं है। हालांकि, केजरवाल का कहना है कि वे इस मामले में बातचीत के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से समय मांगेंगे।

कांग्रेस विरोध से केजरीवाल को मिली पहचान

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी की शुरुआत ही कांग्रेस के विरोध से शुरू हुई थी। वर्तमान में जिन दो राज्यों में आम आदमी पार्टी की सरकार है, वहां पहले कांग्रेस की ही सरकार थी, मतलब की आम आदमी ने दोनों राज्यों में कांग्रेस को ही हराकर सत्ता हासिल की है। पहले दिल्ली में केजरीवाल ने कांग्रेस को हराया और फिर पंजाब में कांग्रेस से सत्ता छीन ली। कुछ राज्यों में तो कांग्रेस का दावा है कि वो आप के कारण ही जीत नहीं सकी और बीजेपी सरकार बनाने में सफल रही है। गुजरात और गोवा में वो इसका उदाहरण देती रही है। कांग्रेस, केजरीवाल को बीजेपी की बी टीम भी बताती रही है।

कांग्रेस की खुलकर खिलाफत

सिर्फ चुनावों में ही नहीं ऐसे कई मौके आए जब केजरीवाल और उनकी पार्टी सीधे-सीधे कांग्रेस और शीर्ष नेतृत्व पर हमला बोल चुकी है। राहुल गांधी को लेकर कई बार बयानबाजी हो चुकी है। कांग्रेस के शीर्ष नेता सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी तक पर केस चल रहे हैं। उसके कई नेता जेल जा चुके हैं, लेकिन जैसा सपोर्ट आज आप कांग्रेस से चाह रही है, शायद वैसा सपोर्ट शायद ही कभी केजरीवाल ने कांग्रेस को किया है।

आप की राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग

कुछ साल पहले सीएम अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी ने कुछ ऐसा काम किया था कि उनकी पार्टी में भी तकरार शुरू हो गई थी। दरअसल दिल्ली विधानसभा का सत्र चल रहा था, खबर आई कि आम आदमी पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को मिले देश का सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न को वापस लेने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया है। तब आप विधायक अलका लांबा इस दौरान सदन से वॉक आउट कर गईं और बाद में इस्तीफा भी दे दिया। मामला बढ़ा तो आप ने ऐसे किसी भी प्रस्ताव से इनकार कर दिया।

11 जून को होगी आप की महारैली

केन्द्र के अध्यादेश के खिलाफ आम आदमी पार्टी 11 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान में महारैली करने जा रही है। आप के प्रदेश संयोजक व कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने बताया कि महारैली से पहले पार्टी के लोग घर-घर जाकर अध्यादेश को लेकर जनता के साथ संवाद करें उन्हे रैली में आमंत्रित भी करेंगे।

रैली में शामिल नहीं होगी कांग्रेस

कांग्रेस नेता अजय माकन और प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा है कि महारैली में कांग्रेस शामिल नहीं होगी। माकन ने कहा कि कांग्रेस का समर्थन मांगने से पहले केजरीवाल को पांच मुद्दों पर पक्ष स्पष्ट करना होगा। उन्हें बताना होगा कि अनुच्छेद 370, मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, राज्यसभा के उपसभापति, सीएए और जालंधर उपचुनाव के मसले पर कांग्रेस के खिलाफ क्यों गए थे। आगे मकान ने कहा कि केजरीवाल हमेशा अपनी सुविधा के अनुसार चलते हैं, लेकिन हर बार यह स्वीकार्य नहीं हो सकता। केजरीवाल जवाब दें और कांग्रेस से माफी भी मांगें। इसके बाद ही उनके साथ विपक्षी एकजुटता पर बात हो पाएगी।

कांग्रेस की चुनौती है आप, कैसे दे साथ

आप ने कांग्रेस को पंजाब और गुजरात में गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया है, जहां कांग्रेस हावी थी। इसके अलावा आप अन्य बीजेपी शासित राज्यों में भी कांग्रेस को कमजोर कर खुद दूसरे नंबर की पार्टी बनने की कोशिश कर रही है। ऐसे में यह समझना बहुत मुश्किल नहीं है कि कांग्रेस नेता क्यों आप को समर्थन देना नहीं चाह रहे हैं। पार्टी नेताओं को ये भी अंदेशा है कि अगर आप का साथ दिया तो भाजपा के प्रति मतदाताओं की लामबंदी और उग्र तरीके से हो सकती है।

AAP को कांग्रेस के साथ की क्यों जरूरत

दिल्ली में लाए गए अध्यादेश को रोकने के लिए आम आदमी पार्टी को हर हाल में कांग्रेस के समर्थन की जरूरत पड़ेगी। दरअसल, राज्यसभा में भाजपा के बाद कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 31 है, तो वहीं पूरे यूपीए को मिलाकर यह संख्या 64 पहुंच जाती है। ऐसे में अध्यादेश को राज्यसभा में पारित होने से रोकने के लिए आप को कांग्रेस सदस्यों के वोट की जरूरत पड़ेगी।

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Udbhav Tripathi

Udbhav Tripathi

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से स्नातक पूर्ण किया हूं। पढ़ाई के दौरान ही दैनिक जागरण प्रयागराज में बतौर रिपोर्टर दो माह के कार्य का अनुभव भी प्राप्त है। स्नातक पूर्ण होने के पश्चात् ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा हरिभूमि में बतौर एक्सप्लेनर के रूप में कार्यरत हूँ। अध्ययन के साथ साथ ही कंटेंट राइटिंग में विशेष रुचि है।


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