पीएम मोदी ने 75 हजार लाभार्थियों को डिजिटल तरीके से सौंपी चाबी, पुरानी सरकारों पर कसा तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने लखनऊ (Lucknow) स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 'आजादी75 – नया शहरी भारत: शहरी परिदृश्य में बदलाव' सम्मेलन-सह-प्रदर्शनी का उद्घाटन कर दिया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने लखनऊ (Lucknow) स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में 'आजादी@75 – नया शहरी भारत: शहरी परिदृश्य में बदलाव' सम्मेलन-सह-प्रदर्शनी का उद्घाटन कर दिया है। इस दौरान पीएम मोदी (PM Modi) ने उत्तर प्रदेश के 75 जिलों के 75 हजार लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (Pmay-u पीएमएवाई-यू) के तहत निर्मित घरों की डिजिटल तरीके से चाबी सौंपी और पुरानी सरकारों पर निशाना साधा।
पीएम मोदी ने संबोधन के दौरान कहा कि आवास योजना के तहत पुरानी सरकार ने सिर्फ 8 लाख मकान बनाए थे। पीएम मोदी ने आगे कहा कि पीएम आवास योजना के तहत करीब-करीब 3 करोड़ घर बने हैं। आप उनकी कीमत का अंदाजा लगाइए। ये लोग लखपति बने हैं। 2014 के बाद से हमारी सरकार ने पीएम आवास योजना के तहत शहरों में 1 करोड़ 13 लाख से ज्यादा घरों के निर्माण की मंजूरी दी है। इसमें से 50 लाख से ज़्यादा घर बनाकर गरीबों को सौंपे भी जा चुके हैं। शहरी मिडिल क्लास की परेशानियों और चुनौतियों को भी दूर करने का हमारी सरकार ने बहुत गंभीर प्रयास किया है। Real Estate Regulatory Authority यानि रेरा कानून ऐसा एक बड़ा कदम रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि इस बार दीपावली में अयोध्या में 7.50 लाख दीये जलाने का कार्यक्रम है। मैं उत्तर प्रदेश को कहता हूं कि रोशनी के लिए स्पर्धा में मैदान में आएं। देखें अयोध्या ज्यादा दीये जलाता है कि ये जो 9 लाख घर दिए गए हैं, वो 9 लाख घर 18 लाख दीये जलाकर दिखाते हैं। एलईडी स्ट्रीट लाइट लगने से शहरी निकायों के भी हर साल करीब 1 हजार करोड़ रुपये बच रहे हैं। अब ये राशि विकास के दूसरे कार्यों में उपयोग में लाई जा रही है। एलईडी ने शहर में रहने वाले लोगों का बिजली बिल भी बहुत कम किया है।
आगे कहा कि भारत में पिछले 6-7 वर्षों में शहरी क्षेत्र में बहुत बड़ा परिवर्तन टेक्नोलॉजी से आया है। देश के 70 से ज्यादा शहरों में आज जो इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर चल रहे हैं, उसका आधार टेक्नोलॉजी ही है। पीएम स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को, स्ट्रीट वेंडर्स को बैंकों से जोड़ा जा रहा है। इस योजना के माध्यम से 25 लाख से ज्यादा साथियों को 2500 करोड़ रुपए से अधिक की मदद दी गई है। यूपी के 7 लाख से ज्यादा साथियों ने स्वनिधि योजना का लाभ लिया है।