Udaipur Chintan Shivir: कांग्रेस ने चिंतन शिविर के समापन पर किसान और खेत मजदूर समूह पर किया मंथन
भाजपा सरकार द्वारा पैदा किए गए मौजूदा कृषि संकट पर संज्ञान लेते हुए पार्टी ने किसान और खेत मजदूर समूह ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों और नीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता पर बल दिया।

उदयपुर (Udaipur) में तीन दिवसीय नव संकल्प चिंतन शिविर (Nav Sankalp Chintan Shivir) के समापन पत्र में किसानों और खेत मजदूर समूह को लेकर भी मंथन किया गया। भाजपा सरकार द्वारा पैदा किए गए मौजूदा कृषि संकट पर संज्ञान लेते हुए पार्टी ने किसान और खेत मजदूर समूह ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों और नीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता पर बल दिया। कर्ज के दलदल में फंसे देश के अन्नदाता पर 31 मार्च 2021 तक 16.80 लाख करोड़ का कर्ज है।
केंद्र सरकार ने 8 साल में किसान की कर्जमाफी के लिए पूरी तरह उदासीनता दिखाई है। समय की मांग है कि राष्ट्रीय किसान ऋण राहत आयोग का गठन किया जाए और कर्ज माफी से कर्ज राहत का रास्ता तय किया जाए। ऋण की अदायगी न करने की स्थिति में किसान के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही और कृषक की कृषि भूमि की कुर्की पर रोक लगाई जाए। कृषि कृषकों को निःशुल्क विद्युत उपलब्ध कराई जाए। किसान की एक और सबसे बड़ी समस्या फसल की कीमत नहीं मिल रही है।
साथ ही प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी हकीकत में एक निजी बीमा कंपनी लाभ योजना बन गई है। निजी बीमा कंपनियों ने पिछले 6 सालों में 34,304 करोड़ का प्रोफेट कमाया है। लेकिन इसकी वजह से किसान को कोई लाभ नहीं हुआ। लेकिन अब समय की मांग है कि कृषि के पूरे क्षेत्र का बीमा किया जाए। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की बीमा कंपनियां नो प्रॉफिट, नो लॉस के सिद्धांत पर बीमा योजना को चलाएं।
आगे कहा कि संसद में एक अलग कृषि बजट पेश किया जाए। जिसमें सभी किसान कल्याण परियोजनाओं का लेखा-जोखा हो। किसान को मौसम, प्राकृतिक आपदा, बाजार भाव में उतार-चढ़ाव आदि को देखते हुए राहत प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय किसान कल्याण कोष बनाया जाए। किसान के ट्रैक्टर और अन्य कृषि उपकरणों को जीएसटी के दायरे से बाहर किया जाए यानी किसान जीएसटी फ्री हो।