दुनिया के इन 10 देशों में पानी के लिए होगी जंग
भारत समेत दुनिया भर के कई देशों में पानी की भयंकर किल्लत आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है, नीति आयोग की रिपोर्ट भी कहती है कि साल 2030 तक भारत के कई शहरों में पानी खत्म हो जाएगी, आईए जानते हैं कि विश्व के टॉप 10 सिटीज जहां पानी का संकट बना हुआ है इसके साथ ही आने वाले दिनों में जल संकट भयंकर रूप ले सकती है।

कई सरकारी और गैर सरकारी रिपोर्ट्स के मुताबिक आने वाले समय में भारत पानी की किल्लत से जूझता नजर आएगा। नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2030 तक भारत के कई हिस्सों में पानी खत्म हो जाएगा। पानी की किल्लत से भारत ही नहीं दुनिया के कई देश आने वाले सालों में जूझ सकते हैं। आईये जानते हैं भारत समेत दुनिया के वो 10 शहर जहां पानी का भयंकर संकट उभर सकता है।
1. साओ पाउलो
ब्राजील की आर्थिक राजधानी साओ पाउलो दुनिया के उन 10 शहरों में शामिल हो गया है जहां जल्द ही पानी का संकट आ सकता है। मालूम हो कि साओ पाउलो दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले शहरों में है। कहा जा रहा है कि जल संकट में यह शहर केपटाउन को भी टक्कर दे रहा है। यहां भूगर्भ जल लगातार नीचे जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महीने में केवल 20 दिन ही यहां के लोगों को पानी मिल पाता है। पानी की इतनी मारा मारी है कि यहां पानी के टैंकरों के पास पुलिस की तैनाती होती है।
2. बैंगलुरू
जल संकट वाले शहरों की सूची में भारत की 'भारत का सिलिकॉन वैली' कहे जाने वाले शहर बैंगलुरू का भी नाम है। दक्षिण भारत में कई शहर पानी की संकट से जूझ रहे हैं। शहर में पानी की इतनी किल्लत है कि इमारतें बनाने के लिए भी पानी नहीं मिल रहा है। बैंगलुरू झीलों का शहर कहा जाता है, पानी की विकट संकट को देखते हुए जरूरत है कि पानी के सभी स्त्रोत को ठीक किया जाए।
3. काहिरा
काहिरा एक ऐसा शहर जिसका इतिहास के पन्नों पर नाम है। यहां पर विश्व प्रसिद्ध नील नदी का पानी जाता है लेकिन जनसंख्या वृद्धि के कारण ज्यादातर पानी प्रदूषित हो चुका है। शहर में सीवेज नेटवर्क अव्यवस्थित होने के कारण ऐसा हाल हुआ है। यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक काहिरा ही नहीं बल्कि पूरे मिस्त्र में जल संकट आएगा।
4. टोक्यो
जापान की राजधानी टोक्यो का हाल भी पानी की संकट से बेहाल होने वाला है। दरअसल यह शहर लंबे समय से पानी की संकट से जूझ रहा है। वैसे तो इस शहर में भरपूर पानी है लेकिन यह पानी केवल 4 महीनों तक ही चल पाता है। इसका कारण है कि रेनवाटर हार्वेस्टिंग का न होना। इसी कारण से शहर की ज्यादातर आबादी पेय जल के रूप में पिघले हुए बर्फ को ही इस्तेमाल करती है। हालांकि सरकार जल संकट से बचने के लिए जल संरक्षण जैसी अभियान चला रही है।
5. मैक्सिको सिटी
मैक्सिको सिटी मैक्सिको की राजधानी है, उक्त सभी शहरों की तरह यहां का भी हाल जल संकट की दृष्टि से बेहद खराब हो गया है। मैक्सिको सिटी की आबादी करीब 2 करोड़ के पार है। आलम यह है कि यहां पानी जमीन के अंदर टैंक बनाकर स्टोर किया जाता है। हफ्ते में कुछ ही घंटे पानी की सप्लाई की जाती है। अगर लोग गलती से पानी नहीं भर पाए तो कोई अन्य सुविधा भी नहीं है। यहां पर पाइप की हालात बेहद निराशाजनक है जिसकी वजह से पानी बर्बाद हो जाता है। इस दिशा में मैक्सिको की सरकार को काम करने की जरूरत है।
6. जकार्ता
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता दुनियाभर में कई वजहों से मशहूर है लेकिन इस शहर की सबसे बड़ी दिक्कत पानी है। यहां पर एक बड़ी आबादी आज पानी के लिए तरसती है, सप्लाई की व्यवस्था नहीं है यहां। जिसके कारण लोग भूमिगत जल पीने के लिए मजबूर हैं। हालात ये है कि वाटर लेवल C तक पहुंच चुका है। ऐसा विश्व बैंक की रिपोर्ट कहती है। इसके बावजूद भी यहां रैन हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं की गई है।
7. मॉस्को
अमेरिका के बाद शक्तिशाली देशों में किसी देश का नाम आता है तो वह है रूस, जिसकी राजधानी आज पानी की तंगी से जूझ रही है। शहर में तेजी से बढ़ रही आबादी से पानी की समस्या से ये शहर जूझ रहा है। इसके साथ ही शहर में फैक्ट्रियों के खुलने से पानी की खपत तेजी से हो रही है। यहां की 70 फीसदी आबादी भूमिगत जल के ऊपर निर्भर है।
8. इस्तांबुल
वैसे तो दुनिया में अपनी खूबसूरती और पर्यटन के लिए मशहूर इस शहर को किसी चीज की कमी नहीं है लेकिन साल 2016 से यहां पानी की किल्लत हो गई है। रिपोर्ट्स की मानें तो 2030 तक ये शहर भयंकर जल संकट से जूझेगा।
9. लंदन
ब्रिटेन की राजधानी मौसम के लिए बेहद खूबसूरत माना जाता है। जहां किसी भी वक्त बारिश हो जाती है, लेकिन रैन हार्वेस्टिंग की व्यवस्था इस धनी व बड़े शहर ने आज तक नहीं की। रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां पाइप लाइन ध्वस्त हो चुकी है जिसकी वजह से काफी मात्रा में पानी की बर्बादी होती है। जरूरत है इन दिक्कतों को ठीक करने की। कहा जा रहा है कि आने वाले कुछ सालों में लंदन भी पानी के लिए तरसेगा।
10. मियामी
मियामी अमेरिका की उन शहरों में शुमार है जहां खूब बारिश होती है। हालांकि बारिश की पानी का संरक्षण न करने की वजह से इस शहर में भी भयंकर पानी की किल्लत हो गई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक 20वीं सदी के सेंचुरी प्रोजेक्ट की वजह यहां के मीठे पानी के स्त्रोत पर बुरा प्रभाव पड़ा है और बिस्केन एक्वाइफ का पानी अटलांटिक सागर से मिलकर पानी खारा हो गया है।
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