Money Laundering Case: सुप्रीम कोर्ट नवाब मलिक की जेल से रिहाई की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने जेल में बंद नेता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल को दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) दाऊद इब्राहिम से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (Money Laundering Case) में नवाब मलिक (NCP leader Nawab Malik) की याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में तत्काल रिहाई की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) ने नवाब मलिक की ओर से जल्द सुनवाई की मांग की है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने जेल में बंद नेता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल को दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा है। पीठ ने कहा है कि कृपया कागजात दें। पीठ में जस्टिस कृष्ण मुरारी और हेमा कोहली भी शामिल हैं।
नवाब मलिक के वकील कपिल सिब्बल ने जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम 2005 में 2005 में लागू हुआ था। जिन लेन-देन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस कानून के तहत कार्रवाई कर रही है वह साल 2000 से पहले के हैं। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि वह जल्द ही मामले को सूचीबद्ध कर सुनवाई करेगा।
ईडी ने 23 फरवरी को किया था गिरफ्तार
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने 23 फरवरी को गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों से कथित रूप से जुड़े एक संपत्ति सौदे को लेकर नवाब मलिक को गिरफ्तार किया था। लेकिन गिरफ्तारी से ईडी ने उनसे कई घंटों तक पूछताछ की थी। नवाब मलिक पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत आरोप लगाया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी मलिक के खिलाफ आरोपों की जांच कर रही है।
ऐसे आरोप हैं कि मलिक ने दाऊद इब्राहिम के एक सहयोगी से संपत्ति को कथित तौर पर मौजूदा बाजार दर से कम कीमत पर खरीदा था। कुर्ला में एल बी एस मार्ग पर 2.80 एकड़ की एक प्रमुख संपत्ति सॉलिडस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मात्र 30 लाख में खरीदी गई थी। सौदे पर हस्ताक्षर करने वाले नवाब मलिक के बेटे फ़राज़ मलिक थे।