जौहर यूनिवर्सिटी में चकरोड की भूमि के मामलेे में आजम को झटका, कोर्ट ने रद्द की अपील
यूपी में रामपुर की मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में चकरोड की भूमि मामले में सांसद आजम खां को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। सांसद आजम खां के जौहर ट्रस्ट की अपील को उपजिलाधिकारी की अदालत ने खारिज कर दिया है।

आजम खां
यूपी (UP) में रामपुर (Rampur) की मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी (Jauhar University news) में चकरोड की भूमि के मामले में सांसद आजम खां को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। सांसद आजम खां के जौहर ट्रस्ट की अपील को उपजिलाधिकारी की अदालत ने रद्द किया है। उपजिलाधिकारी की अदालत ने ने तहसीलदार की अदालत के फैसले को सही करार दिया। मामले में पहले तहसीलदार की अदालत ने चकरोड की भूमि से कब्जा हटाने के ऑडर दिया था।
इस को लेकर जौहर ट्रस्ट ने राजस्व परिषद में याचिका दायर कराई गई थी। जिसे राजस्व परिषद ने रद्द कर दिया था। इसके बाद प्रशासन ने 17.5 बीघा भूमि का चिन्हीकरण कर उस पर कब्जा पा लिया था। बाद में इस पूरी भूमि को ग्राम समाज के खाते में दर्ज करते हुए आलियागंज के प्रधान को सौंप दिया गया था। चकरोड की भूमि पर मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के कुलपति का आवास, साइंस फैकल्टी के पास स्थित एक भवन व मेडिकल कॉलेज का कुछ भाग भी बना हुआ है। प्रशासन ने ३ तरफ से दीवारों को ध्वस्त करके किसानों को अपने जमीन व खेतों तक पहुंचने का रास्ता बना दिया था।
इस कार्रवाई के खिलाफ में जौहर ट्रस्ट ने उच्च न्यायालय पहुंचा। हाईकोर्ट की ओर से 31 मार्च 2020 तक भवन ध्वस्तीकरण पर रोक लगाई गई थी व तहसीलदार के ऑडर पर उपजिलाधिकारी की अदालत में निगरानी दाखिल करने के ऑडर दिए थे। इस को लेकर जौहर ट्रस्ट ने एसडीएम अदालत में अपील दाखिल की थी। एसडीएम सदर मनीष मीणा ने मामले में सुनवाई की और जौहर ट्रस्ट की अपील को रद्द करते हुए तहसीलदार की अदालत के निर्णय को बरकरार रखा है। अधिवक्ता अजय तिवारी के मुताबिक जौहर यूनिवर्सिटी में नियम खिलाफ चकरोड की भूमि को शामिल कर लिया गया था। ताजा अपील की सुनवाई में कोर्ट ने तहसीलदार की अदालत के निर्णय को बरकरार रखा है।