पी चिदंबरम ने पीएम मोदी के संसद में बहस के आश्वासन को मजाक बताया, इन शब्दों का भी किया इस्तेमाल
दोनों पक्षों के सहमत न होने पर विधेयकों को बिना बहस के पारित कर दिया गया, दोनों पक्षों के सहमत होने पर बिना बहस के विधेयकों को निरस्त कर दिया गया।

कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने मंगलवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी के संसद में बहस के आश्वासन को मजाक बताया। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने आज सुबह-सुबह अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि संसद सत्र की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी भी मुद्दे पर बहस करने की पेशकश की। लेकिन संसद सत्र के पहले दिन और व्यापार के पहले विषय पर बिना बहस के कृषि बिलों को निरस्त कर दिया गया।
On the eve of the Parliament session, the Prime Minister offered to debate "any issue"On the first day and on the first item of business, the farm bills were repealed without a debate!— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 30, 2021
दोनों पक्षों के सहमत न होने पर विधेयकों को बिना बहस के पारित कर दिया गया, दोनों पक्षों के सहमत होने पर बिना बहस के विधेयकों को निरस्त कर दिया गया। जो भी हो, कोई बहस नहीं हुई। लंबे समय तक बहस-रहित संसदीय लोकतंत्र। बता दें कि कृषि कानून निरसन विधेयक 2021 बीते सोमवार राज्यसभा में पारित किया गया था। लेकिन इससे पहले इस बिल को लोकसभा में ध्वनि मत के माध्यम से पारित किया गया था।
बता दें कि कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले 26 विधेयकों में से एक है। तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने का विधेयक केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा लोकसभा में पेश किया गया था और विपक्ष द्वारा जोरदार नारेबाजी के बीच पारित (पास) किया गया था।