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One Nation One Election: एक देश एक चुनाव समिति की बैठक समाप्त, आगे के रोडमैप पर हुई चर्चा

One Nation One Election: वन नेशन वन इलेक्शन पर आज यानी शनिवार को दिल्ली में हाई लेवल समिति की बैठक खत्म हो चुकी है। इस मुद्दे पर काफी गहनता के साथ चर्चा हुई है। अमित शाह समेत पैनल के कई सदस्य मौजूद रहे।

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वन नेशन वन इलेक्शन की पहली मीटिंग।

One Nation One Election: एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए गठित उच्च स्तरीय कमेटी की पहली मीटिंग आज यानी 23 सितंबर को समाप्त हो गई है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ramnath Kovind) की अध्यक्षता में समिति की बैठक जोधपुर ऑफिसर्स हॉस्टल बियर इंडिया गेट पर तकरीबन डेढ़ घंटे तक चली। इस बैठक में गठित पैनल के सभी सदस्य मौजूद रहे, लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) नहीं पहुंचे। चौधरी ने केंद्रीय गृह मंत्री शाह को पत्र लिखकर कमेटी में शामिल होने से मना कर दिया था।

वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर हुई गहनता से चर्चा

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस मीटिंग में पैनल के सदस्यों ने वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One Election) के मुद्दे पर गहनता से चर्चा की और इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए रणनीति बनाई। इसमें त्रिशंकु सदन या एक साथ चुनाव होने की स्थिति में किसी दूसरे मुद्दे से निपटने के लिए भी विश्लेषण किया गया था। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि हितधारकों, संवैधानिक विशेषज्ञों और अन्य लोगों के साथ किस तरह से बातचीत को आगे बढ़ाया जा सकता है। इससे जुड़े एजेंडों को लेकर भी विस्तृत रूप से चर्चा हुई और पैनल के सभी सदस्यों ने अपनी-अपनी बात रखी। हालांकि, अभी इस मीटिंग पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

बीजेपी नेता पक्ष में

बता दें कि वन नेशन वन इलेक्शन का विचार पिछले सालों में चर्चा का विषय रहा है। पीएम मोदी (PM Modi) समेत बीजेपी के कई नेताओं ने इसके पक्ष में अपने विचार प्रकट किए हैं। भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि वन नेशन वन इलेक्शन से देश को बड़ा फायदा पहुंचेगा। इससे पैसे और समय का काफी लाभ होगा।

वहीं, दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन (Opposition Parties) की ओर से एक राष्ट्र एक चुनाव को बीजेपी (BJP) का एजेंडा करार दिया गया है। विपक्षी दलों की तरफ से अलग-अलग बाते कही जा रही हैं। उनकी तरफ से कहा गया कि वन नेशन वन इलेक्शन व्यवस्था के लागू होने से छोटे दलों को काफी घाटा होगा और लोकतांत्रिक देश में यह प्रक्रिया आसान नहीं है। बता दें कि इस साल के आखिर में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) का बिगुल बज जाएगा।

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pushpendra

pushpendra

पत्रकारिता मेरे लिए करियर के साथ-साथ जुनून भी है। मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय से BJMC की है। साथ ही कुछ समय तक NDTV के लिए बतौर इंटर्न काम किया है। बीते करीब 10 महीने से हरिभूमि में सब एडिटर के पद पर कार्यरत हूं। यहां मैं नेशनल बीट पर काम करता हूं। मुझे पढ़ना और दोस्तों के साथ समय बिताना अच्छा लगता है।


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