गीतकार जावेद अख्तर के बाद दिग्विजय सिंह ने संघ की तुलना तालिबान से की, मोहन भागवत के बयान को दिलाया याद
दिग्विजय सिंह ने आरएसएस की तुलना अफगानिस्तान में सत्ता हासिल चुके तालिबान से की है। एक हफ्ते में यह दूसरी बार है, जब आरएसएए की तुलना तालिबान से की गई है। क्योंकि इससे पहले गीतकार जावेद अख्तर ने भी आरएसएस की तुलना तालिबानियों से की थी। वहीं दिग्विजय सिंह ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के पुराने बयान पर टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा था कि शादी समझौता है।

पूर्व सीएम व कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह
अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद उनकी विचारधारा को लेकर भारत (India) में भी बहस जारी है। बीते दिन तालिबान के एक नेता ने महिलाओं को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के मंत्रिमंडल में महिलाओं को जगह नहीं दी जा सकती है। उन्हें बस बच्चे पैदा करना चाहिए। अब इस विवादित बयान पर भारत में भी कई अभिनेता और नेताओं द्वारा प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। इसी बयान को लेकर भारत में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (digvijaya singh) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधा है।
दिग्विजय सिंह ने आरएसएस की तुलना अफगानिस्तान में सत्ता हासिल चुके तालिबान से की है। एक हफ्ते में यह दूसरी बार है, जब आरएसएए की तुलना तालिबान से की गई है। क्योंकि इससे पहले गीतकार जावेद अख्तर ने भी आरएसएस की तुलना तालिबानियों से की थी। वहीं दिग्विजय सिंह ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के पुराने बयान पर टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा था कि शादी समझौता है। इसके तहत महिलाएं घर की देखभाल और अन्य चीजों का ध्यान रखती हैं। जबकि, पुरुष के पास कामकाज और महिला की सुरक्षा का जिम्मा होता है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आज एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि तालिबान कहता है कि महिलाएं मंत्री बनाए जाने लायक नहीं, मोहन भागवत कहते हैं कि महिलाओं को घर पर रहकर बच्चे पैदा करना चाहिए। क्या विचारों में समानता है? दिग्विजय सिंह ने सवाल किया कि क्या आरएसएस और तालिबान की महिलाओं को लेकर एक जैसी सोच है? आरएसएस प्रमुख भागवत के हिंदू-मुस्लिम का डीएनए एक है के बयान पर उन्होंने पूछा कि अगर ऐसा है, तो लव जिहाद जैसे मुद्दे क्यों उठ रहे हैं? दिग्विजय सिंह ने गीतकार जावेद अख्तर का बचाव भी किया था। उन्होंने कहा था कि भारतीय संविधान व्यक्ति को अभिव्यक्ति की आजादी देता है।