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'एक देश एक चुनाव' पर आज विधि आयोग की बैठक, Law Commission मसौदे को देगा अंतिम रूप

भारत का विधि आयोग (Law Commission) देश में एक साथ चुनाव (One Nation One Election) कराने के मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए आज सभी सदस्यों के साथ बैठक करेगा। पढ़िए पूरी खबर...

One Nation One Election Law Commission said not possible implement in 2024 elections
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पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद। 

One Nation One Election meeting: भारत का विधि आयोग (Law Commission) देश में एक साथ चुनाव (One Nation One Election) कराने के मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए बुधवार को यानी की आज सभी सदस्यों के साथ बैठक करेगा। न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता में यह बैठक होगी। इस बैठक में आयोग की सिफारिश को अंतिम रूप देने और एक साथ चुनाव कराने और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत सहमति की न्यूनतम आयु और कानून पर अपना रुख स्पष्ट करेगा। इसके साथ ही लॉ कमीशन ऑनलाइन FIR दाखिल करने के प्रावधानों पर एक बार फिर से विचार-विमर्श करेगी। हालांकि, घर बैठे FIR कराने की सुविधा पहले से है। लेकिन, ऑनलाइन FIR पर इस बैठक में एक बार फिर से चर्चा की जाएगी।

बैठक के बाद विधि आयोग अपनी रिपोर्ट कानून और न्याय मंत्रालय को भेजेगा

चर्चा के बाद सिफारिशों को अंतिम रूप देने के बाद, 22वां विधि आयोग अपनी रिपोर्ट कानून और न्याय मंत्रालय को भेजेगा। बुद्धिजीवियों का मानना है कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' न केवल राष्ट्रीय हित में फायदेमंद होगा, बल्कि सरकार का वित्तीय लाभ भी बचेगा। वहीं, विधि आयोग के सूत्रों का कहना है कि एक साथ चुनाव से वास्तव में अधिक मतदान हो सकता है। इसका अर्थ है कि जब ज्यादा समय बाद चुनाव होगा तो मतदाता बढ़ जाएंगे।

POCSO कानून में उम्र घटाने पर विचार

इसके अलावा आज की बैठक में आयोग इस सवाल पर भी अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देगा कि क्या यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत सहमति की उम्र 18 से घटाकर 16 की जा सकती है। विधि आयोग का वर्तमान में विचार है कि ऐसा नहीं किया जा सकता है, लेकिन आयोग इस संबंध में कुछ अपवादों पर जोर दे सकता है।

उच्च-स्तरीय समिति ने 23 सितंबर को बैठक की थी

बता दें कि, देश में एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे की जांच करने और उस पर सिफारिशें करने के लिए हाल ही में गठित उच्च-स्तरीय समिति ने 23 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द की अध्यक्षता में यहां अपनी प्रारंभिक बैठक की। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह, कानून और न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल, राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोक बैठक में सभा महासचिव सुभाष कश्यप, पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल हुए थे। हालांकि इस बैठक में लोकसभा में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी बैठक में मौजूद नहीं थे।

विपक्षी दलों से ली गई थी राय

इस समिति के अध्यक्ष रामनाथ कोविंद ने उच्च स्तरीय समिति के सदस्यों का स्वागत करते हुए बैठक के एजेंडे की रूपरेखा प्रस्तुत की थी। समिति के कामकाज के तौर-तरीकों को रेखांकित करते हुए, समिति ने मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों, विभिन्न राज्यों में सत्ता में रहने वाले राजनीतिक दलों, संसद में अपने प्रतिनिधियों वाले राजनीतिक दलों और अन्य मान्यता प्राप्त राज्य राजनीतिक दलों को एक साथ मुद्दे पर सुझाव या दृष्टिकोण लेने के लिए आमंत्रित करने का निर्णय लिया।

पीएम मोदी ने पहले ही 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर रखा था विचार

गौरतलब है कि इस साल के अंत में पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले समिति को एक साथ रखा गया था, जिससे अटकलें लगाई जा रही थीं कि चुनाव एक ही समय पर हो सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मौकों पर 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का विचार रखा था।

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Vipin Yadav

Vipin Yadav

विपिन यादव हरिभूमि में बतौर सब एडिटर पद पर कार्यरत हैं। वे पिछले एक साल से पत्रकारिता में सक्रिय हैं। पत्रकारिता करना न उनका पेशा है, बल्कि जुनून भी है। राजनीतिक और क्राइम की खबरों को लिखना और पढ़ना बेहद पसंद करते है। वे मूलरुप से यूपी के अम्बेडकर नगर के रहने वाले हैं। उन्होंने स्नातक दिल्ली विश्वविद्यालय व परास्नातक की पढ़ाई महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा महाराष्ट्र से की है। वे घूमने फिरने के बहुत शौकीन हैं।


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