Haribhoomi-Inh News: 'मौत' पर किसका सच, किसका झूठ? 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए हैं।

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस ले लिए हैं। फिर भी किसान आंदोलन खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। अब आंदोलन के दौरान मृत किसानों के लिए मुआवजे पर बात अटक गई है। किसान संगठन अपनी ओर से मृत किसानों के आंकड़े जारी कर रहे हैं, जो सैकड़ों में है, वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि उसके पास कोई आधिकारिक आंकड़ा इस बात का नहीं है...
'मौत' पर किसका सच, किसका झूठ?
'चर्चा'
3 कृषि कानूनों को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद वापस ले लिया गया है। लेकिन एक साल चले विरोध प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों को लेकर अब किसान संगठन सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन को 300 दिन पूरे हो गए हैं। साल 2020 के नवंबर महीने में शुरू हुआ आंदोलन दिल्ली के बाहरी इलाके में जारी है। किसान अपनी मांगों को लेकर 300 दिनों से दिल्ली की सीमा पर बैठे हैं।
भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ने रविवार को एक बार फिर कहा कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के दौरान अब तक करीब 750 अन्नदाताओं की मौत हो चुकी है। राकेश टिकैत ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में किसानों की मौत के बावजूद भारत सरकार की ओर से कोई शोक नहीं जताया गया। किसानों के परिवार को मुआवजा मिलना चाहिए। वहीं चंद्रशेखर राव ने कहा था कि केंद्र सरकार आंदोलन में मारे गए प्रत्येक किसान के परिवार को 25-25 लाख रुपये दे और उनकी आर्थिक मदद दे। अब किसान एमएसपी समेत कई मुद्दों पर बातचीत के लिए सरकार के संपर्क में हैं।