Haribhoomi-Inh News: चक्रव्यूह में अभिमन्यु में? 'चर्चा' प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी के साथ
पूर्व मंत्री विक्रम उसेंडी की, करीब ढाई दशक तक भाजपा की जरूरत बने रहे कद्दावर आदिवासी नेता विक्रम उसेंडी बदलते हालातों से मुकाबला करने की तैयारी कभी नहीं कर पाए।

Haribhoomi-Inh News: हरिभूमि-आईएनएच के खास कार्यक्रम 'चर्चा' में प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने शुरुआत में कहा कि नमस्कार आपका स्वागत है हमारे खास कार्यक्रम चर्चा में, चक्रव्यूह में अभिमन्यु में… आज के हमारे अभिमन्यु छत्तीसगढ़ भाजपा के ऐसे वरिष्ठ नेता हैं जो अविभाजित मध्य प्रदेश के समय में शिक्षक की नौकरी से इस्तीफा देकर राजनीति में आए। छत्तीसगढ़ के कद्दावर आदिवासी भाजपा नेताओं में शुमार इन शख्स पर वक्त बहुत दिनों तक मेहरबान रहा। सत्ता और संगठन दोनों जगह उनकी तूती बोलती रही।
विधायक, मंत्री, प्राधिकरण अध्यक्ष, सांसद, पार्टी अध्यक्ष जैसे ओहदे उनके सरपरस्त बने रहे… हम बात कर रहे हैं पूर्व मंत्री विक्रम उसेंडी की, करीब ढाई दशक तक भाजपा की जरूरत बने रहे कद्दावर आदिवासी नेता विक्रम उसेंडी बदलते हालातों से मुकाबला करने की तैयारी कभी नहीं कर पाए।
इसलिए जब यह अजेय योद्धा सियासत के समर में पराजय के पाले में आया तो खुद को अकेला खड़ा पाया… नक्सलियों के निशाने पर रहने वाले विक्रम उसेंडी शायद अभी भी सियासत और सियासतदारों को सच में समझ नहीं पाए… वक्त ने थोड़ी आंख फेरी तो सियासत का असली रंग सामने आ गया और विक्रम एक झटके में हाशिए पर चले गए।
अब सवाल ये हैं कि पार्टी उन्हें हाशिए पर कर रही है या इसके पीछे उनका अपना स्वभाव है। इस मुद्दे पर प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम, भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री केदार कश्यप और वरिष्ठ पत्रकार मनीष गुप्ता से चर्चा की, इस दौरान प्रधान संपदाक ने कई बड़े सवाल भी किए।
चक्रव्यूह में अभिमन्यु में, यहां देखें पूरी चर्चा