Gyanvapi Mosque Case: 19 मई को होगी मामले की अगली सुनवाई, यूपी सरकार और हिंदू याचिकाकर्ताओं को नोटिस जारी, जानें क्या कहा
ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे (Gyanvapi Mosque Survey) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचे मुस्मिल पक्ष को बड़ा झटका लगा। लेकिन वहीं दूसरी तरफ राहत देते हुए नमाज अदा करने की इजाजत जारी रहेगी।

वाराणसी (Varanasi) में ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे (Gyanvapi Mosque Survey) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) पहुंचे मुस्मिल पक्ष को बड़ा झटका लगा। लेकिन वहीं दूसरी तरफ राहत देते हुए नमाज अदा करने की इजाजत जारी रहेगी। वहीं इस मामले से कोर्ट कमिश्नर को हटा दिया गया और नोटिस भी जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि हम आदेश जारी करेंगे की जिला मस्जिट्रेट उस जगह की सुरक्षा करें, जहां पर शिवलिंग मिला है और साथ ही नमाज अदा करने में किसी तरह की कोई रुकावट नहीं आने चाहिए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने यह आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
एएनआई की रिपोर्ट के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के जिला अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका पर हिंदू याचिकाकर्ताओं और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। जिसमें वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से सटे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण का निर्देश दिया गया था। 19 मई तक जवाब दाखिल करना है। इस मामले की अब अगली सुनवाई 19 तक के लिए स्थगित कर दी है।
SC issues notice to Hindu petitioners & UP govt on plea of Anjuman Intezamia Masajid challenging Varanasi dist court order which directed videographic survey of Gyanvapi Mosque complex, adjacent to Kashi Vishwanath Temple in Varanasi. The responses are to be filed by May 19th. pic.twitter.com/WIGV8hEAUw
— ANI (@ANI) May 17, 2022
ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कई अहम निर्देश दिए हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह कही गई है कि जिस स्थान पर शिवलिंग पाए जाने का दावा किया गया है। उस स्थान की रक्षा डीएम द्वारा की जाए। लेकिन, मुसलमानों को मस्जिद में नमाज पढ़ने से नहीं रोका जाना चाहिए। इस तरह अदालत ने मुसलमानों को नमाज की इजाजत से शिवलिंग के स्थान को सुरक्षित रखने और उसकी रक्षा करने का आदेश दिया है।
कोर्ट कमिश्नर हटाए गए
इसके अलावा वाराणसी सिविल कोर्ट ने अजय मिश्र को हटा दिया गया। अजय मिश्रा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था। लेकिन सर्वे रिपोर्ट को लीक कर मीडिया तक पहुंचने के मामले में कार्रवाई की गई है। ज्ञानवापी मामले में दो दिन के अंदर सर्वे रिपोर्ट जमा करने का वक्त मिला।