पीएम मोदी ने कृषि कानून वापसी पर निभाया वादा, लोकसभा से बिल पास होते ही राकेश टिकैत ने कसा तंज
लोकसभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने इस बिल को पेश किया। सदन में विपक्ष के हंगामे के बीच आखिर का बिल पास हो गया

संसद (Parliament) के शीतकालीन सत्र (Winter Session) से शुरू होते ही केंद्र सरकार ने कृषि से संबंधित विवादत कानूनों को वापसी का बिल पेश किया, जो पास (farm law repeal passed in lok sabha) हो चुका है। विपक्ष के हंगामे के बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने इस बिल को पेश किया। सदन में विपक्ष के हंगामे के बीच आखिर का बिल पास हो गया और इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी सदन में इस विधेयक पर चर्चा की मांग की। जिसके बाद सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम इस बिल पर बहस करना चाहते थे। केंद्र की मोदी सरकार ने इस बिल को पास करवाते हुए अपना वादा निभाया। पीएम मोदी ने बीते दिनों राष्ट्र को संबंधित करते हुए घोषणा की थी कि सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस लेगी।
लोकसभा से बिल पास होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार चाहती है कि देश में कोई आंदोलन न हो। हम एमएसपी समेत अन्य सभी मुद्दों पर चर्चा किए बिना आंदोलन से पीछे नहीं हटेंगे। उनका कहना है कि आंदोलन अभी जारी रहेगा। हर मंच से वह यहीं बयान जारी कर रहे हैं। बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने लोकसभा में कानून को वापस लेने के बिल को मंजूरी दिए जाने के बारे में कहा कि यह तो होना ही था। लेकिन आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा।
आंदोनल खत्म करने के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि आंदोलन फिलहाल जारी रहेगा। एमएसपी समेत कई मुद्दों पर अभी बातचीत की जरूरत है। जब तक सरकार उनके बारे में बात नहीं करती है। हम आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। हम लोकसभा से तीन कानूनों को वापस लेने वाले विधेयक को विरोध प्रदर्शन करते हुए शहीद हुए 750 किसानों को समर्पित करते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि लोकसभा में सोमवार को केंद्र सरकार ने सांसदों के बीच किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम 2020, आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 और किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 वापसी बिल को पेश किया और जिसे अब राज्यसभा में पेश किया जाएगा। जिसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ये तीनों बिल निरस्त हो जाएंगे।