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Emergency Alert: करोड़ों भारतीय के फोन पर आया इमरजेंसी अलर्ट, जानें भारत को इस सिस्टम की क्यों पड़ी जरूरत!

Emergency Alert: स्मार्टफोन पर आने वाले इमरजेंसी अलर्ट के बारे में आपने जरूर सुना होगा। आज हम आपको बताएंगे कि भारत को इस सिस्टम की क्या जरूरत पड़ गई और इस सिस्टम को पहली बार कहां लॉन्च किया गया था।

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इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम।

Emergency Alert: स्मार्टफोन पर आने वाले इमरजेंसी अलर्ट के बारे में अब तक आप सभी जान ही चुके होंगे। 14 और 15 सितंबर को करोड़ों भारतीय के फोन पर इमरजेंसी अलर्ट का मैसेज आया था। इस अलर्ट के आने से कई लोग तो घबरा गए थे उन्हें लगा फोन खराब हो गया है, या फिर फोन में किसी तरह का वायरस आ गया है। लेकिन, बाद में पता चला कि यह मैसेज दूरसंचार विभाग रैंडम टेस्टिंग के लिए भेज रहा है। तो चलिए आपको बताते हैं, इस इमरजेंसी अलर्ट की शुरुआत कब हुई थी। ये सिस्टम काम कैसे करता है और भारत में इसकी क्यों जरूरत पड़ी।

बीप की आवाज के साथ इमरजेंसी अलर्ट सर्विस

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अलर्ट में फोन तेज बीप की आवाज करता है और फोन पर 'इमरजेंसी अलर्ट सर्विस' लिखा होता है। इसके अलावा मैसेज में यह भी लिखा होता है कि आपको इस मैसेज से परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है, ये मैसेज नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के पैन-इंडिया इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम का पार्ट है, जो कि सिर्फ टेस्टिंग के लिए भेजे जा रहे हैं। इस मैसेज के आने के बाद यह खबर आग की तरह फैली। देशभर में लोग इस मैसेज की बात करते हुए अपना-अपना रिएक्शन देने लगे।

अमेरिका में लॉन्च हुआ था इमरजेंसी सिस्टम

इस सिस्टम को पहली बार अमेरिका में लॉन्च किया गया था। अमेरिकी लोगों के फोन पर पहली बार इमरजेंसी अलर्ट साल 2012 में आया था। तब से लेकर अभी तक दर्जनों मौके पर इसका इस्तेमाल किया गया, जिससे हजारों-लाखों लोगों की जान बचाई जा सकी। इस सिस्टम का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदा के दौरान लोगों को अलर्ट करने का है, ताकि मैसेज मिलते ही लोग आपदा से खुद का बचाव कर सके। इस सिस्टम के आने के बाद आंधी, तूफान, सुनामी, भूकंप या फिर इसके अलावा जो भी जानलेवा आपदा है, सभी को लेकर लोगों के फोन पर बीप साउंड के साथ अलर्ट मिलेगा।

भारत में इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम की क्यों पड़ी जरूरत

प्राकृतिक आपदा के दृष्टिकोण से भारत काफी खतरनाक देश है। ग्लोबल रिस्क इंडेक्स 2022 में प्राकृतिक आपदा के लिहाज से भारत दुनिया का दूसरा सबसे खतरनाक देश है, इस रिपोर्ट में फिलीपींस को पहले स्थान पर रखा गया है। वहीं, राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 11 ऐसे बड़े शहर है, जो भूकंप के लिहाज से काफी खतरनाक है, इन शहरों में करोड़ो लोग रहते हैं। इस अलर्ट सिस्टम की मदद से उन लोगों की जान बचाई जा सकेगी, जो प्राकृतिक आपदा के शिकार हो जाते हैं।

2022 में प्राकृतिक आपदा से 2,770 लोगों की मौत

मौसम विभाग ने साल 2022 का एक आंकड़ा पेश किया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में एक्सट्रीम वेदर के कारण देश के 2,770 लोगों ने जान गंवाई है। इनमें से 1,580 लोगों की मौत बिजली गिरने या फिर तूफान की चपेट में आने से हुई है। वहीं, 1050 लोगों की मौत बाढ़ और भारी बारिश के कारण हुई है। इसलिए भारत में इस सिस्टम की काफी जरूरत है।

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Abhinav Raj

Abhinav Raj

अभिनव राज, हरिभूमि वेबसाइट में सब-एडिटर के पद पर कार्यरत हैं। पिछले 2 वर्षों से मीडिया क्षेत्र (इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल) में काम कर रहे हैं। मूलरूप से बिहार के रहने वाले हैं। पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई करने के साथ अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2021 में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से की। इसके बाद साल 2022 से हरिभूमि वेबसाइट के नेशनल सेक्शन में कार्यरत हैं। देश-दुनिया और राजनीति की खबरों को गहराई से समझने के लिए अभिनव को फॉलो करें…


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