कोरोना वायरस को लेकर रासायनिक कंपनियां कर रहीं शोध, ये किया दावा
कोरोना वायरस में चपेट में आने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है इससे केन्द्र सरकार को काफी चिंता हो रही है।

केन्द्र सरकार कोरोना वायरस को लेकर खासी चिंतित है। वैसे हाल ही में किए गए समीक्षा में साफ हो गया है कि जितने भी भारतीय चीन के वुहान से वापस लाए गए, सभी भारतीय नोवेल कोरोना वायरस-कोविड 19 के संक्रमण से मुक्त पाए गए हैं और उन्हें निगरानी कैंपों से वापस अपने घरों के लिए भेज दिया गया है। 34 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सामुदायिक निगरानी केंद्रों में इस समय 21 हजार से अधिक लोगों को इस संक्रमण की जांच के लिए रखा गया है।
अब तक कुल मिलाकर 3835 उड़ानों और 3,97,148 यात्रियों की अब तक स्क्रिनिंग की गई है। अब तक 2707 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से केरल में 3 नमूने पॉजिटिव पाए गए। इन तीनों रोगियों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, अब वे अपने घरों में अलग से रह रहे हैं। वुहान से लाए गए सभी भारतीयों के नमूनों की जांच में उन्हें कोविड-19 से निगेटिव पाया गया है और वे अलग-थलग रखने के केन्द्र से अपने घरों को लौट गए हैं।
दूसरी तरफ कोरोना वायरस को लेकर केवल सरकार ही कई रासायनिक कंपनियां भी शोध में लगी है। दावा किया जा रहा है कि लैंक्सेस का रिलाय प्लस ऑन विरकॉन रासायनिक पदार्थ उच्च स्तर का संक्रमण रोधी है और कोरोना वायरस के विरूद्ध प्रभावी भी है। इसका उपयोग कठोर सतह और उपकरण को संक्रमण से बचाने के लिए किया जाता है।
लैंक्सेस में संक्रमणरोधी व्यवसाय के प्रमुख ने कहा कि कोरोना वायरस के फैलने की शुरूआत के बाद से चीन और विश्व के अन्य देशों में रिलाय प्लस ऑन विरकॉन की मांग बढ़ गई है। उनका कहना है कि स्वतंत्र परीक्षणों ने प्रमाणित किया है कि रिलाय प्लस विरकॉन वर्तमान में फैल रही कोरोना वायरस की नस्ल के निकट सम्बंधी को निष्क्रिय कर देता है।