Chandrayaan-1 11 Years: पहली बार भारत ने भेजा था अंतरिक्ष में मिशन चन्द्रयान-1, सामने आए थे चौंकाने वाले तथ्य
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष में लगातार अपने मिशन भेज रहा है। 11 साल पहले इसरो में मानव रहित अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान-1 (Mission Chandrayaan 1) को भेजा था। जिसमें पहली बार में कामयाबी मिली थी।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अंतरिक्ष में लगातार अपने मिशन भेज रहा है। 11 साल पहले इसरो में मानव रहित अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान 1 (Mission Chadrayaan 1) को भेजा था। जो भारत का चांद पर पहला मिशन था और जिसमें पहली बार में ही कामयाबी मिल गई थी। वहीं अगस्त में चंद्रयान-2 को भी भेजा गया था। जो 99 फीसदी सफल रहा था।
इसरो स्पेस एजेंसी ने चंद्रयान-1 को चांद पर पहली बार भेजने में कामयाब रहा था। 22 अक्टूबर 2008 को श्री हरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से चंद्रयान 1 मिशन को लॉन्च किया था, जो 8 नवंबर को चांद की कक्षा पर पहुंचा था। चंद्रयान दो शब्दों से मिलकर बना है संस्कृत शब्द चंद्र और वाहन को जोड़कर चंद्रयान बना है, जिसका अर्थ है चांद पर जाने वाला वाहन।
मिशन चंद्रयान -1
इसरो ने चंद्रयान-1 को 2008 में लॉन्च किया गया था और तब यह अंतरिक्ष में भारत का सबसे महत्वाकांक्षी मिशन था। मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के चारों ओर एक परिक्रमा लगाना और उसके बारे में जानकारियां जुटाना था। चंद्रयान 2 की तरह पहले मिशन में भी तकनीकी खराबी आई थी। लॉन्च से ठीक पहले ईंधन रिसाव ने मिशन को रोक दिया था।
लॉन्चिंग से पहले आई थी दिक्कत
फिर इसके बाद मिशन को 22 अक्टूबर को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-एक्सएल रॉकेट ने जरिए चांद पर भेजा गया। जो 8 नवंबर को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा था। यह भारत के लिए एक महान उपलब्धि थी क्योंकि पहली बार में कोई भी देश चांद पर सफल नहीं हुआ था। 14 नवंबर चांद की सतह पर उतरा।
11 महीन तक दी थी जानकारियां
चंद्रयान-1 ऑर्बिटर चंद्रमा के चारों ओर चक्कर लगाई थी। जिसने 11 महीने तक चांद के बारे में कई जानकारियां दी। 11 महीने बाद अंतरिक्ष यान से इसरो ने संपर्क खो दिया। तब तक ऑर्बिटर ने कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग पूरे कर लिए थे।
ये हैं चौंकाने वाले तथ्य
(1) पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल से इस मिशन को भेजा गया था। जो पहली बार में सफल हुआ।
(2) इसरो ने चंद्रयान 1 को 5 दिन में ही चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा दिया था लेकिन चांद की सतह पर पहुंचने में 25 दिन लगे थे।
(3) चंद्र पर मिशन चंद्रयान भेजने वाला भारत छठा देश बन गया था। जिसका वजन 1380 किलोग्राम था।
(4) इस मिशन ने 10 महीने में कई महत्वपूर्ण जानकारियां इसरो को दीं जैसे, थ्री-डी तस्वीरें, सौर तूफान का अध्ययन, चांद के भूगोली की तस्वीरें आदि भेजी थी। जिसके आधार पर इसरो ने मिशन चंद्रयान 2 को भेजने का फैसला किया।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App