49 सालों से एनिमिया दूर करने का कार्यक्रम हो रहा बेअसर, अभी भी बच्चों व महिलाओं में खून की कमी
केंद्र सरकार में भारतीय बच्चों में खून की कमी दूर करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार की नई नीति के अनुसार अब बाजार में बिकने वाले नमक में आयोडीन के साथ आयरन मिलाना अनिवार्य किया जाएगा।

भारत में हर साल कई बच्चों की कुपोषण से मृत्यु हो जाती है। सरकार ने भारत के बच्चों को कुपोषण से दूर रखने के लिए कई तरह के कार्यक्रम भी चलाए हुए है। उसके बाद भी भारत के बच्चों तक पोषण पहुंचाने में बहुत अधिक सफलता प्राप्त नहीं हुई है।
खून की कमी (Anemia) को दूर करने के लिए 49 साल से भारत ने कार्यक्रम भी चल रहा है। लेकिन इसके बावजूत भी 54 प्रतिशत से अधिक महिलाएं व 60 प्रतिशत बच्चों में खून की कमी है।
एनिमिया से लड़ने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने अब नमक में आयोडीन के साथ-साथ आयरन मिलाने (Iron Mixed With Salt) का निर्णय लिया है।
केंद्र सरकार की नीति के अनुसार बाजार में बिकने वाले हर एक प्रकार के नमक में अयरन (Iron) अनिवार्य रूप से मिला होना चाहिए। बाजार में कुछ ऐसी कंपनियां हैं जो कि आयरन युक्त नमक बेच रही हैं लेकिन सभी कंपनियों के लिए कभी यह अनिवार्य नहीं है।
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा कि सरकार देशभर में योजना के उचित क्रियान्वन के लिए विशेषज्ञों और इस मामले से जुड़े लोगों के संपर्क में है। साथ ही एनिमिया के खिलाफ चल रहे कार्यक्रम में भी बदलाव किया जाएगा। 2018 में जारी की गई ग्लोबल न्यूट्रीशियन रिपोर्ट के अनुसार देश में 4.66 करोड़ बच्चे बौनेपन का शिकार हैं व 21 प्रतिशत बच्चों का वजन लंबाई के अनुपात में कम होता है।
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