गठबंधन पर मायावती की अखिलेश को दो टूक, हमारे रिश्ते रहेंगे लेकिन समाजवादी पार्टी में सुधार की बहुत जरुरत
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर एसपी बीएसपी गठबंधन की करारी हार के बाद बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि चुनावी नतीजे सोचने पर मजबूर करते हैं। समाजवादी समर्थ एक साथ नहीं नहीं आए

लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 सीटों पर एसपी बीएसपी गठबंधन की करारी हार के बाद अब बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि चुनावी नतीजे सोचने पर मजबूर करते हैं। लेकिन यादव परिवार मेरा सम्मान करता है।
पीसी के दौरान मायावती ने कहा कि अखिलेश यादव का परिवार मेरा सम्मान करता है और मैं उनका सम्मान करती हूं। लेकिन लोकसभा चुनाव में हार के नतीजों ने पार्टी को सोचने पर मजबूर किया। उन्होंने पीएसी में सपा समर्थकों पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के यादव समुदाय ने मजबूत नहीं दिखा। जहां पर यादव बहु्ल्य समाज है वहां पर भी सपा के उम्मीदवार नहीं जीते। ऐसे में सपा को यादव वोट नहीं मिले लगता है कि लोग सपा बसपा के गठबंधन से खुश नहीं दिखे।
BSP Chief Mayawati on SP-BSP coalition: However, we can't ignore political compulsions. In the results of Lok Sabha elections in UP, base vote of Samajwadi Party, the 'Yadav' community, didn't support the party. Even strong contenders of SP were defeated https://t.co/jt00Ca8scE
— ANI UP (@ANINewsUP) June 4, 2019
लेकिन उन्होंने कहा कि अखिलेश और हमारे रिश्ते बने रहेंगे। लेकिन अगर दोनों पार्टियों को आगे चलना है तो अखिलेश यादव को पार्टी में बदलाव करना होगा। अगर वो बदलाव करते हैं तो दोनों एक साथ आगे भी चल सकेंगे।
बीते सोमवार को दिल्ली में बसपा की अध्यक्ष मायावती ने लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन से पार्टी को कोई लाभ नहीं होने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश में विधानसभा की कुछ सीटों पर संभावित उपचुनाव अपने बलबूते चुनाव लड़ने की बात कह कर उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन के भविष्य पर सवाल खड़े कर दिये हैं।
उन्होंने कहा कि बसपा अब गठबंधनों पर निर्भरता खत्म कर आगामी उपचुनाव खुद लड़ेगी। लोकसभा चुनाव के परिणाम की समीक्षा के लिये सोमवार को उत्तर प्रदेश के पार्टी पदाधिकारियों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की बैठक में मायावती ने बसपा का संगठनात्मक ढांचा मजबूत करने की जरूरत पर बल देते हुये पार्टी पदाधिकारियों को उपचुनाव की तैयारियां तेज करने को कहा है।
इस बीच सपा की ओर से इस बारे में बसपा के रुख की आधिकारिक घोषणा होने तक कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की गयी है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के नौ और सपा बसपा के एक एक विधायक के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद राज्य की 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे। बसपा, हालांकि अब तक उपचुनाव नहीं लड़ती थी।
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