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बॉम्बे हाई कोर्ट ने विशेष पीएमएलए कोर्ट के फैसले को रखा बरकरार, नवाब मलिक को राज्यसभा चुनाव में वोट डालने की नहीं दी इजाजत

नवाब मलिक ने मांग की थी कि उन्हें या तो मुचलके पर हिरासत से रिहा किया जाए या फिर उन्हें पुलिस के साथ मतदान के लिए विधान भवन (Vidhan Bhavan) जाने की अनुमति दी जाए।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने विशेष पीएमएलए कोर्ट के फैसले को रखा बरकरार, नवाब मलिक को राज्यसभा चुनाव में वोट डालने की नहीं दी इजाजत
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बॉम्बे होई कोर्ट (Bombay High Court) ने शुक्रवार को महाराष्ट्र (Maharashtra) के मंत्री और राकांपा नेता नवाब मलिक की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha elections) में वोट डालने के लिए यहां जेल से रिहा करने की मांग की थी। नवाब मलिक ने मांग की थी कि उन्हें या तो मुचलके पर हिरासत से रिहा किया जाए या फिर उन्हें पुलिस के साथ मतदान के लिए विधान भवन (Vidhan Bhavan) जाने की अनुमति दी जाए।

बता दें कि गुरुवार को पीएमएलए कोर्ट ने नवाब मलिक की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए शुक्रवार को विधानसभा जाने की अनुमति मांगी थी। जिसके बाद पीएमएलए कोर्ट के आदेश को बॉम्बे होई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। आज बॉम्बे होई कोर्ट ने नवाब मलिक की याचिका को खारिज कर दिया है।

बॉम्बे हाई कोर्ट ने विशेष पीएमएलए कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा

बता दें कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्पेशल पीएमएलए अदालात के निर्यण को बरकरार रखा है। नवाब मलिक को तत्काल वोट देने की अनुमित नहीं है। न्यायमूर्ति प्रकाश डी नाइक की हाई कोर्ट की खंडपीठ ने नवाब मलिक को एक उपयुक्त पीठ के समक्ष जाने के लिए कहा, जो जमानत आवेदनों की सुनवाई करती है। बताते चलें कि गुरुवार को नवाब मलिक के अलावा अनिल देशमुख जमानत के लिए इजाजत मांगी गई थी। हालांकि, कोर्ट ने उनकी याचिका को भी खारिज कर दिया था।

संजय राउत ने लगाया ये आरोप

बता दें कि शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि नवाब मलिक और अनिल देशमुख को संविधान ने अधिकार दिया है कि वो विधानसभा में अपना वोट दें। अभी वे दोषी साबित नहीं हुए हैं, मामला चल रहा है फिर भी अगर उनको रोका गया है तो इसका मतलब है कि किस दबाव में केंद्रीय एजेंसी काम कर रही है।

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