जेपी नड्डा बोले, गुरुओं के आशीर्वाद के साथ मैं अपनी 4 महीने की यात्रा शांतिकुंज से कर रहा हूं शुरू
रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ जेपी नड्डा, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ प्रणव पंड्या, प्रति कुलपति डॉक्टर चिन्मय पंड्या ने दीप प्रज्वलित कर किया।

जेपी नड्डा, फोटो एएनआई
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आज हरिद्वार के शांतिकुंज में स्थित देव संस्कृति विश्व विद्यालय का दौरा किया। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, देव संस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेपी नड्डा ने कहा कि मैं अपनी 120 दिनों (4 महीने) की यात्रा शुरू कर रहा हूं, जहां मैं अपनी पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी राज्यों की यात्रा करूंगा। मैं इस यात्रा को गुरुओं के आशीर्वाद के साथ शांतिकुंज से शुरू कर रहा हूं।
Uttarakhand: BJP chief JP Nadda visits Dev Sanskriti Vishwavidyalaya situated in Shantikunj, Haridwar.
— ANI (@ANI) December 4, 2020
"I'm starting my journey of 120 days where I'll travel to all the states to strengthen my party. I have started it from Shantikunj to take the blessings of the Gurus," he says. pic.twitter.com/l6hUh6tARM
बता दें कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उत्तराखंड के हरिद्वार पहुंचे हैं। वे आज शाम को संतों से मुलाकात करेंगे और हरकी पैड़ी पर गंगा आरती में भी शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि जेपी नड्डा चार दिन के उत्तराखंड प्रवास पर हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष उत्तराखंड प्रवास के लिए आज हरिद्वार पहुंचे हैं। जेपी नड्डा के स्वागत भल्ला कॉलेज स्टेडियम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम, सह प्रभारी रेखा वर्मा, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज सहित वरिष्ठ पदाधिकारियों और स्थानीय विधायकों ने किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ जेपी नड्डा, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ प्रणव पंड्या, प्रति कुलपति डॉक्टर चिन्मय पंड्या ने दीप प्रज्वलित कर किया। वहीं जेपी नड्डा ने सापेक्ष गायत्री परिवार की तरफ से चलाए जा रहे 'महा अभियान आपके द्वार पहुंचा हरिद्वार' का शुभारंभ किया। जबकि, कुलाधिपति डॉ प्रणव पंड्या ने गायत्री मंत्र शॉल ओढ़ाकर और पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य की तरफ से लिखित साहित्य को भेंटस्वरूप देकर किया।