Kisan Protests: सुशील मोदी बोले- किसी को नहीं देंगे भारत विरोधी एजेंडा चलाने की छूट, बिहार किसानों को लेकर बोली ये बात
Kisan Protests: भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि किसान आंदोलन की ओट में किसी को भारत विरोधी एजेंडा चलाने की छूट नहीं दी जा सकती है। वहीं उन्होंने कहा कि बिहार के 1.5 लाख किसानों को नई तकनीक से साल में तीन फसलें उगाने में मदद मिलेगी।

बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम एवं राज्यसभा संसाद व भाजपा नेता सुशील मोदी ने मंगलवार को ट्वीट कर किसान आंदोलन को लेकर विपक्षियों पर जोरदार वार किया है। भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि कृषि रोडमैप का यह तीसरा चरण किसानों की आय दोगुनी करने वाला एक सराहनीय कदम है। जिन लोगों ने कृषि के लिए अपने राज में कुछ नहीं किया। वे लोग बंद व धरना-प्रदर्शन के जरिये केवल अपनी काहिली छिपाने की कोशिश कर रहे हैं।
सुशील मोदी ने बताया कि वर्ष 2008 में बिहार का पहला कृषि रोड मैप लागू करने वाली एनडीए सरकार ने राज्य के सभी 38 जिलों में बदले मौसम के अनुरूप खेती करने का जो कार्यक्रम शुरू किया। उससे 1.5 लाख किसानों को नई तकनीक से साल में तीन फसलें उगाने में मदद मिलेगी।
सुशील मोदी ने कहा कि असली किसानों और उनके संगठनों के आगे बढ़ने से ही समाधान होगा। पंजाब-हरियाणा के कुछ अमीर किसानों का संगठित अल्पमत देश के 80 फीसद किसानों के बहुमत की आवाज दबाने की कोशिश कर रहा है।
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार, यूपी सहित विभिन्न राज्यों के 15 किसान संगठनों ने मंडी से आजादी दिलाने वाले नये कृषि कानून का समर्थन कर गतिरोध दूर होने की उम्मीद बढ़ायी। केंद्र सरकार ने दृढ़तापूर्वक कहा है कि तीनों नये कृषि कानून वास्तविक किसानों के हित में हैं। इसलिए वापस नहीं होंगे। लेकिन कुछ संशोधन अवश्य किये जा सकते हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि जिन बातों से खेती का कोई वास्ता नहीं है। उन बातों के लिए दिल्ली में किसान के नाम पर आंदोलन करने वाली भीड़ नारे क्यों लगा रही है? विरोध करने के लोकतांत्रिक अधिकार न तो असीमित हैं। न इसकी ओट में किसी को भारत विरोधी एजेंडा चलाने की छूट दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह कैसा किसान आंदोलन है, जिसमें टुकड़े-टुकड़े गैंग के शरजिल इमाम व कुछ शहरी नक्सलियों की रिहाई के साथ पुराने जम्मू-कश्मीर के लिए धारा -370 की बहाली जैसी अलगाववादी मांगों को हवा दी जा रही है?
यह कैसा किसान आंदोलन है, जिसमें टुकड़े-टुकड़े गैंग के शरजिल इमाम और कुछ शहरी नक्सलियों की रिहाई के साथ पुराने जम्मू-कश्मीर के लिए धारा -370 की बहाली जैसी अलगाववादी मांगों को हवा दी जा रही है?
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) December 15, 2020