खुलासा: भारत ने तैनात कर दी थीं 9 मिसाइल, अभिनंदन को न छोड़ने पर पाकिस्तान को नेस्तनाबूद करने का था प्लान
बालाकोट एयर स्ट्राइक के एक साल पूरा होने पर बड़ा खुलासा हुआ है। पाकिस्तान के विंग कमांडर अभिनंदन को पकड़ लेने पर भारत ने कड़ा रुख अपनाया था। पाकिस्तान की दिशा में 9 मिसाइलें तैनात कर दी थीं।

बालाकोट एयर स्ट्राइक के एक साल पूरा होने पर अभिनंदन की रिहाई को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पाकिस्तान के अभिनंदन को न छोड़ने की मंशा को देखते हुए भारत ने हमले की तैयारी कर ली थी। पाकिस्तान की दिशा में 9 मिसाइलें तैनात कर दी गईं थी। भारत के कड़े रुख को देखते हुए पाकिस्तान ने घोषणा कर अभिनंदन को छोड़ने का फैसला किया था।
भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट में एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया था। जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के 300 आतंकियों को मार गिराया गया था। भारत की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने जवाबी हमला किया। भारत ने सफलता पूर्वक रोकते हुए पाकिस्तान के फाइटर प्लेन को वापस भेज दिया। लेकिन इस दौरान मिग 21 पर सवार विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान क्षेत्र में चले गए थे। जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर विंग कमांडर को छोड़ने का दवाब बनाना शुरू कर दिया था।
उस दौरान पाकिस्तान ने अभिनंदन को छोड़ने की दिशा में सकारात्मक पहल नहीं दिखायी। जिसके बाद भारत ने कड़ा रुख दिखाते हुए 9 मिसाइलें पाकिस्तान की दिशा में तैनात कर दीं थी। जिससे डरकर पाकिस्तान ने अपने बड़े शहरों में ब्लैक आउट कर दिया। इसके अलावा हवाई क्षेत्र को भी बंद कर दिया था। इसके बाद इस्लामाबाद ने दिल्ली को फोन कर बताया कि अभिनंदन को छोड़ने के इंतजाम किए जा रहे हैं। अगले दिन खुद प्रधानमंत्री इमरान खान इसका ऐलान करेंगे। जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान पर हमला करने के विचार को निरस्त किया था। अगले दिन पाकिस्तान ने अभिनंदन को रिहा करने की घोषणा संसद में की थी।
पत्नी के जरिए करना चाहता था ब्लैकमेल
सैन्य सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान अभिनंदन को उनकी पत्नी के जरिए ब्लैकमेल करना चाहता था। 28 फरवरी 2019 को अभिनंदन की पत्नी तन्वी मरवाह के मोबाईल पर अरब के नंबर से कॉल आया था। जिसके बाद पाकिस्तान की सेना ने पत्नी की अभिनंदन से बात करवायी थी। इस दौरान अभिनंदन के साथ मारपीट किए जाने का भी दावा किया गया है। पत्नी से बात कराकर पाकिस्तान अभिनंदन से महत्वपूर्ण जानकारियां लेना चाहता था।
सूत्रों के मुताबिक कॉल को आईएसआई की पहल पर साऊदी अरब से डायवर्ट किया गया था। जिसमें एक तरफ तो अभिनंदन को बड़े-बड़े ऑफर दिए जा रहे थे। वहीं दूसरी तरफ उनकी बात उनकी पत्नी से करवाई जा रही थी। लेकिन पाकिस्तान अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाया।
भारत के डर से लिया रिहाई का फैसला
अभिनंदन को रिहा करने का फैसला पाकिस्तान नहीं ले सकता। क्योंकि पाकिस्तान से किसी भी तरह से ऐसी उदारता की उम्मीद नहीं की जा सकती। जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान ने यह फैसला भारत से डर कर लिया है। वहीं सऊदी अरब के नंबर से कॉल आना भी अपने आप में एक प्रश्न खड़ा करता है। अभिनंदन की रिहाई मामले में सऊदी अरब की भी महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है।