महाराष्ट्र सरकार ने मंत्रिमंडल में पिछड़े वर्ग के विभागों का नाम बदलने का फैसला लिया, जानें क्या होगा नया नाम
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में पिछड़े वर्ग के विभागों के नाम बदलने पर निर्णय लिया गया है।

महाराष्ट्र मंत्रिमंडल OBC, SEBC (सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों), VJNT (विमुक्त जाति और घुमंतू जनजातियों) और विशेष पिछड़े वर्गों के लिए राज्य विभाग का नाम बदलने वाली है। इन विभागों को अब सामूहिक रूप से 'बहुजन कल्याण विभाग' कहा जाएगा।
Maharashtra Cabinet to change the name of state department for OBCs, SEBCs (Socially and Educationally backward classes), VJNTs (Vimukt Jati and Nomadic tribes) and Special backward classes .These departments will now be collectively called 'Bahujan Kalyan Department'
— ANI (@ANI) February 12, 2020
सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 340 में इस वर्ग के लिए आयोग बनाने के बारे में बताया गया है। लोकसभा के 123वें संसोधन में इस विभाग को बनाने का विधेयक पारित हुआ। जिसने पिछड़ा वर्ग के आयोग की जगह ली। इसमें वो लोग आते हैं जो सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हुए हैं, न कि वो जो किसी जाति विशेष के आधार पर पिछड़े हुए हो। बता दें कि 2018 में मराठा समुदाय को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से आरक्षण देने की मांग को मंजूरी मिली थी।
विमुक्त जाति और घुमंतू जनजातियां
इस ग्रुप में भीख मांगने, सूअर पालन, सपेरा, चिडीमार, नट, शिकारी, ताड के पत्तों से चटाई, टोकरी बनाने वाले, बांस का काम करने वाले, ड्रम बजाने वाले फकीर को शामिल किया है। साथ ही नाई, खटिक, वाणी, लुहार, सुतार, सुनार, दर्जी, छोबी, तेली, माली, कोली, गोवारी, धनगड़, जूट का काम करने वाले, भेड़ चराने वाले लोग भी इस कटेगरी में आते हैं।
इन विभागों का अब ये होगा नाम
महाराष्ट्र सरकार नें अब ओबीसी, एसईबीसी (सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों), वीजेएनटी (विमुक्त जाति और घुमंतू जनजातियों) और विशेष पिछड़े वर्गों के विभागों को एक करने का निर्णय लिया है। अब इन सभी विभागों को बहुजन कल्याण विभाग के नाम से जाना जाएगा।