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Assam Floods: असम बाढ़ बरपा रही कहर, मरने वालों की संख्या बढ़कर 17 हुई- 19 लाख लोग प्रभावित

राज्य में शुक्रवार को स्थिति और ज्यादा खराब इसलिए हो गई क्योंकि लगातार बारिश (Rain) होती रही। जिस कारण दो बच्चों सहित 9 और लोगों की मौत हो गई है।

Assam Floods: असम बाढ़ बरपा रही कहर, मरने वालों की संख्या बढ़कर 17 हुई- 19 लाख लोग प्रभावित
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असम (Assam) में लगातार हो रही बारिश (Rains), बाढ़ (floods) और भूस्खलन (landslides) के कारण स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है। राज्य में शुक्रवार को स्थिति और ज्यादा खराब इसलिए हो गई क्योंकि लगातार बारिश (Rain) होती रही। जिस कारण दो बच्चों सहित 9 और लोगों की मौत हो गई है। जबकि एक अन्य व्यक्ति लापता बताया जा रहा है। इस साल बाढ़ के मौजूदा दौर में कुल 17 लोगों की जान चली गई है। आपदा ने असम के 28 जिलों के 2,930 गांवों में लगभग 19 लाख लोगों को प्रभावित किया है।

ये जिले हैं सबसे अधिक बाढ़ से प्रभावित

राज्य के जो जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं उनमें बाजाली, बक्सा, बारपेटा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, चिरांग, दरांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, दीमा-हसाओ, गोलपारा, होजई, कामरूप, कामरूप (एम), कार्बी आंगलोंग पश्चिम, कोकराझार, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, सोनितपुर, दक्षिण सलमारा, तामूलपुर, तिनसुकिया और उदलगुरी आदि शामिल हैं।

नलबाड़ी जिले के बाढ़ प्रभावित ग्रामीण प्रमोद बर्मन ने कहा है कि गांवों की स्थिति बेहद खराब है। बाढ़ का बढ़ता पानी खतरनाक है और हर घंटे जल स्तर बढ़ रहा है। मेरा घर पूरी तरह से जलमग्न हो गया है और हम एक रिश्तेदार के घर जा रहे हैं। वहीं नलबाड़ी में एक अन्य बाढ़ पीड़ित कमल बर्मन ने कहा कि यहां स्थिति बिल्कुल भी अच्छी नहीं है। बाढ़ के पानी में कई घर बह गए हैं और फसलें भी नष्ट हो गई हैं। बताया जा रहा है कि बाजाली सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है, जहां बाढ़ के कारण कुल 3.55 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इसके बाद दरांग है, जहां 2.90 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। कुल 43,338.39 हेक्टेयर फसल भूमि पानी के भीतर है।

अधिकारियों ने 373 राहत शिविर खोले हैं जो एक लाख से अधिक लोगों को आश्रय प्रदान कर रहे हैं। कोपिली नदी नगांव जिले के कामपुर में बाढ़ के उच्चतम स्तर से ऊपर बह रही है, वहीं ब्रह्मपुत्र, बेकी, मानस, पगलाडिया, पुथिमारी और जिया-भराली नदियां कई स्थानों पर अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गुवाहाटी के निवासियों को अभी तक कृत्रिम बाढ़ के पानी से राहत नहीं मिली है, जिससे शहर की कई सड़कें और प्रमुख इलाके जलमग्न हो गए हैं। शुक्रवार को भी भूस्खलन के कुछ मामले सामने आए हैं।

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