2021 की जनगणना में होगा मोबाइल ऐप का इस्तेमाल, सरकार खर्च करेगी 12 हजार करोड़ : अमित शाह
अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि देश के सामाजिक प्रवाह, देश (India) के अंतिम व्यक्ति के विकास और देश के भविष्य के काम के आयोजन के लिए जनगणना (Census) आधार है। सन् 1865 में सबसे पहले जनगणना की गई तब से लेकर आज 16वीं जनगणना (16th Census) होने जा रही है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने सोमवार को नई दिल्ली में आरजीआई भवन के शिलान्यास समारोह को संबोधित किया है। इस दौरान अमित शाह (Amit Shah) ने कहा कि जनसंख्या जनगणना (Population Census) एक बोरिंग अभ्यास नहीं है। यह एक अभ्यास है जो लोगों को सरकारी योजनाओं (Government Schemes) का लाभ प्रदान करने में मदद करता है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) सरकार को देश में कई मुद्दों को हल करने में मदद करता है।
Union Home Minister, Amit Shah: Population census is not a boring exercise. It is an exercise that helps to provide people the benefits of the government schemes. National Population Register (NPR) will help government solve many issues in the country. pic.twitter.com/9pcucorhaR
— ANI (@ANI) September 23, 2019
देश के सामाजिक प्रवाह, देश के अंतिम व्यक्ति के विकास और देश के भविष्य के काम के आयोजन के लिए जनगणना आधार है। सन् 1865 में सबसे पहले जनगणना की गई तब से लेकर आज 16वीं जनगणना होने जा रही है। कई बदलाव और नई पद्धति के बाद आज जनगणना डिजिटल होने जा रही है।
जनगणना में होगा मोबाइल ऐप का इस्तेमाल
2021 में जो जनगणना होगी इसमें हम मोबाइल ऐप का भी प्रयोग करेंगे। जनगणना का डिजिटल डेटा होने से अनेक प्रकार के विश्लेषण के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। जनगणना की पूरी बिल्डिंग ग्रीन बिल्डिंग होगी, भारत में ग्रीन बिल्डिंग के कॉन्सेप्ट को अपनाने की जरूरत है।
साल 2014 में नरेन्द्र मोदी जी के देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारे सोचने की क्षमता में बदलाव होने लगा।
— BJP (@BJP4India) September 23, 2019
देश को समस्याओं से मुक्त किया जाए, ऐसी प्लानिंग की शुरुआत 2014 के बाद हुई। इससे जनगणना रजिस्टर के सही उपयोग की शुरुआत हुई: श्री अमित शाह pic.twitter.com/QLuVswkPbY
अमित शाह ने आगे कहा कि साल 2014 में नरेन्द्र मोदी जी के देश के प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारे सोचने की क्षमता में बदलाव होने लगा। देश को समस्याओं से मुक्त किया जाए, ऐसी प्लानिंग की शुरुआत 2014 के बाद हुई। इससे जनगणना रजिस्टर के सही उपयोग की शुरुआत हुई।
सरकार अब तक हुईं सभी जनगणनाओं में सबसे ज्यादा व्यय इस बार करने जा रही है। इस बार सरकार लगभग 12 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है: श्री अमित शाह pic.twitter.com/90AaS1PXTs
— BJP (@BJP4India) September 23, 2019
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी योजना भी जनगणना से ही जन्म लेती है। कम लिंगानुपात वाले राज्यों में जन जागृति फैलाना, गर्भपात के कानून को कठोर बनाना, जैसे कई प्रयास किये जाते हैं। सरकार अब तक हुईं सभी जनगणनाओं में सबसे ज्यादा व्यय इस बार करने जा रही है। इस बार सरकार लगभग 12 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है।
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