मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश का किया समर्थन
बोर्ड ने कहा है कि मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति है। इस्लाम मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश और प्रार्थना की अनुमति देता है।

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मस्जिदों में महिलाओं की एंट्री होने का समर्थन करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया है। बोर्ड ने कहा है कि मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति है। इस्लाम मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश और प्रार्थना की अनुमति देता है।
All India Muslim Personal Law Board submits an affidavit in the Supreme Court on a plea seeking direction to allow women to enter a mosque to offer prayers; says, entry of women in a mosque for offering prayers is permitted. pic.twitter.com/Q36tbb4weV
— ANI (@ANI) January 29, 2020
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं प्रार्थना के लिए एक मस्जिद में प्रवेश करने के लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन यह रेखांकित किया गया है कि पुरुषों की तरह ग्रुप में शुक्रवार की नमाज अदा करना महिलाओं के लिए अनिवार्य नहीं है।
बोर्ड का शपथपत्र महाराष्ट्र के एक मुस्लिम दंपति द्वारा दायर याचिका पर आया है। उस दंपति ने शीर्ष अदालत से महिलाओं को मस्जिदों में प्रवेश पर रोक लगाने को अवैध और असंवैधानिक घोषित करने की अपील की है।
याचिका में कहा गया है कि इस तरह की प्रथा ना केवल एक व्यक्ति के रूप में एक महिला की बुनियादी गरिमा के विरुद्ध है, बल्कि यह मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है। याचिका में तर्क दिया गया है कि महिलाएं केवल जमात-ए-इस्लामी और मुजाहिद संप्रदायों की मस्जिदों में नमाज अदा कर सकती हैं। लेकिन सुन्नी संप्रदाय के प्रमुख मस्जिदों में महिलाओं को रोक दिया गया है।