जेटली की चिट्ठी आते ही अमित शाह और रविशंकर प्रसाद ने दिया इस्तीफा, जानें क्या है मामला
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह (BJP President Amit Shah) व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने राज्यभा से इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष गुजरात के गांधीनगर से प्रचंड जीत के बाद दिल्ली की संसद में पहुंचेंगे। वहीं रविशंकर प्रसाद बिहार के पटना साहिब से कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughna Sinha) को करारी मात देकर संसद पहुंचे हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह (BJP President Amit Shah) व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने राज्यभा से इस्तीफा दे दिया है। गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष गुजरात के गांधीनगर से प्रचंड जीत के बाद दिल्ली की संसद में पहुंचेंगे। वहीं रविशंकर प्रसाद बिहार के पटना साहिब से कांग्रेस के शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughna Sinha) को करारी मात देकर संसद पहुंचे हैं। 54 वर्षीय अमित शाह पहली बार संसद जा रहे है। वे अगस्त 2017 में संसद के उच्च सदन राज्यसभा के लिए चुने गए थे। उन्होंने कांग्रेस के सी जे चावड़ा को 5.57 लाख की भारी अंतर से पटखनी दी।
BJP President Amit Shah, BJP leader Ravi Shankar Prasad & DMK Leader Kanimozhi resign as Rajya Sabha members. Shah, Prasad & Kanimozhi have been elected from the parliamentary constituencies of Gandhinagar, Gujarat and Patna Sahib, Bihar and Thoothukudi, Tamil Nadu, respectively pic.twitter.com/Ie7JaktIzj
— ANI (@ANI) May 29, 2019
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्री अरुण जेटली (Arun Jaitley) ने सरकार के शपथग्रहण से एक दिन पहले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखकर नई सरकार में मंत्री बनने में असमर्थता जाहिर की है। जेटली ने केन्द्र में बनने वाली नई सरकार में अपनी भूमिका को लेकर पिछले कुछ दिनों से चल रही उहापोह को समाप्त कर दिया। उन्होंने खराब स्वास्थ्य के चलते नई सरकार में मंत्री बनने से इनकार किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री को भेजा गया अपना पत्र ट्विटर और फेसबुक पर भी डाला है।
क्या लिखा जेटली ने पत्र में
उन्होंने कहा कि मैं आपसे औपचारिक रूप से यह निवेदन करने के लिए लिख रहा हूं कि मुझे अपने लिए, अपनी चिकित्सा के लिये और अपने स्वास्थ्य के लिए कुछ समय चाहिए और इस कारण मुझे अभी नई सरकार में कोई जिम्मेदारी न दी जाए। जेटली ने पत्र में लिखा कि पिछले 18 महीनों में उन्होंने कुछ गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना किया है।
उन्होंने कहा कि मेरे चिकित्सकों ने उनमें से अधिकांश चुनौतियों से मुझे सफलतापूर्वक बाहर निकाला है। जब चुनाव प्रचार खत्म हो चुका था और आप केदारनाथ जा रहे थे, तो मैंने आप से जुबानी कहा था कि चुनाव प्रचार के दौरान मुझे जो जिम्मेदारियां दी गयी थीं, मैं उन्हें पूरा करने में यद्यपि समर्थ रहा लेकिन भविष्य में कुछ समय के लिए मैं जिम्मेदारी से दूर रहना चाहूंगा। इससे मैं अपने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर ध्यान दे सकूंगा।
उन्होंने कहा कि आपके नेतृत्व वाली सरकार में पिछले पांच साल रह कर काम करना मेरे लिए बड़े गर्व की बात है और यह एक शिक्षाप्रद अनुभव रहा है। इससे पहले भी पार्टी ने मुझे पहली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार में, पार्टी संगठन में और जब हम विपक्ष में थे तब भी मुझे विभिन्न दायित्व सौंपा। मैं अब इससे अधिक की अपेक्षा कर भी नहीं सकता था। जेटली 2009 से 2014 के दौरान राज्यसभा में विपक्ष के नेता रह चुके हैं।
कौन हैं अरुण जेटली
जेटली पेशे से वकील हैं और मोदी के मंत्रिमंडल में सबसे महत्वपूर्ण मंत्री रहे हैं। उन्होंने अक्सर सरकार के लिए मुख्य संकटमोचक का काम किया है। उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए संसद में जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक सुधारों को बढ़ाया। यह दो दशक से लंबित था। वह तीन तलाक जैसे मुद्दों पर आये कानूनों को आगे लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका में रहे। राफेल सौदे का बचाव करने में भी वह बहुत मुखर रहे।
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