भारतीय पोशाक में नोबेल पुरस्कार लेने पहुंचे अभिजीत बनर्जी, सोशल मीडिया पर लोगों ने किया जमकर कॉमेंट
भारतीय पोशाक में नोबेल पुरस्कार लेने पहुंचे अभिजीत और उनकी पत्नी डूफ़लो। जिसके बाद उनकी तस्वीरों को लेकर लोग सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ कर रहे हैं।

भारतीय मूल के प्रोफेसर अभिजीत बनर्जी, एस्तर डूफ़लो और माइकल क्रेमर को स्वीडन में संयुक्त रूप से अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया। दुनिया से गरीबी खत्म करने के उनके प्रयोगात्मक दृष्टिकोण के लिए तीनों अर्थशास्त्रियों को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
Watch Abhijit Banerjee, Esther Duflo and Michael Kremer receive their medals and diplomas at the #NobelPrize award ceremony today. Congratulations!
— The Nobel Prize (@NobelPrize) December 10, 2019
They were awarded the 2019 Prize in Economic Sciences "for their experimental approach to alleviating global poverty." pic.twitter.com/c3ltP7EXcF
अभिजीत बनर्जी और एस्तर डूफ़लो इस खास मौके पर ट्रेडिशनल ड्रेस में नजर आए। जहां अभिजीत मुंडू में और एस्तर डूफ़लो भारतीय साड़ी पहने हुए नजर आए। मुंडू दक्षिण भारत का पारंपरिक परिधान है जिसे धोती की तरह पहना जाता है। साड़ी भारतीय नारी की खास पहचान है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एस्तर डूफ़लो, अभिजीत बनर्जी की पत्नी हैं। अभिजीत बनर्जी दिल्ली स्थित जवाहर लाल यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र भी रह चुके हैं।
समारोह की फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। दोनों को भारतीय पोशाक में देखकर लोग बहुत ही गर्व महसूस कर रहे हैं। फोटो पर लोग जमकर कॉमेंट कर रहे हैं।
Every Indian will feel proud to see these pictures of #AbhijitBanerjee in 'Dhoti' and #EstherDuflo in 'Sari' at the Nobel award ceremony in Stockholm today. Thanks @iqbaldhali for giving us quick glimpse of the ceremony. Congratulations again. #NobelPrize pic.twitter.com/HsHVPFfWtk
— Ramesh Pandey IFS (@rameshpandeyifs) December 10, 2019
अभिजीत बनर्जी का जन्म 1961 में मुंबई में हुआ था. डूफ़लो का जन्म 1972 में हुआ। अभिजीत और डूफ़लो एमआईटी में एकसाथ ही अर्थशास्त्र पढ़ाते हैं। डूफ़लो फ़्रांस की रहने वाली हैं और उनकी शुरुआती पढ़ाई पेरिस में हुई है। अभिजीत ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी की डिग्री ली है। डूफ़लो दूसरी ऐसी महिला हैं, जिन्हें आर्थिक क्षेत्र में इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
नोबेल पुरस्कार देने वाली रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ़ साइंसेज़ ने अपने बयान में कहा कि 2019 के अर्थशास्त्र पुरस्कार के इन विजेताओं ने ऐसे शोध किए जो वैश्विक ग़रीबी से लड़ने की हमारी क्षमता में काफ़ी सुधार करता है।
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