रामचंद्र मिशन के 75 साल: पीएम मोदी बोले- योग विश्व के लिए आशा की किरण की तरह, पढ़ा गीता का ये श्लोक
आप सभी ने बाबूजी से मिली प्रेरणा को करीब से महसूस किया है। जीवन की सार्थकता प्राप्त करने के लिए उनके प्रयोग, मन की शांति प्राप्त करने के लिए उनके प्रयास हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा हैं।

पीएम मोदी, फोटो बीजेपी ट्विटर
75 years of Ramchandra mission: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज श्री रामचंद्र मिशन के 75 साल पूरे होने पर कार्यक्रम को संबोधित किया है। बीजेपी ट्विटर के मुताबिक, पीएम मोदी (Pm Modi) ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीराम चंद्र मिशन के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई और शुभकानाएं। राष्ट्र निर्माण में समाज को मजबूती से आगे बढ़ाने में 75 वर्ष का ये पड़ाव बहुत अहम है। लक्ष्य के प्रति आपके समर्पण का ही परिणाम है कि आज ये यात्रा 150 से ज्यादा देशों में फैल चुकी है।
आप सभी ने बाबूजी से मिली प्रेरणा को करीब से महसूस किया है। जीवन की सार्थकता प्राप्त करने के लिए उनके प्रयोग, मन की शांति प्राप्त करने के लिए उनके प्रयास हम सभी के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा हैं। आज विश्व भागम भाग वाली जीवनशैली से पैदा हुई अनेक बीमारियों से लेकर महामारी और अवसाद से लेकर आतंकवाद तक की परेशानियों से जूझ रहा है। ऐसी स्थिति में ये कार्यक्रम और योग विश्व के लिए आशा की किरण की तरह हैं।
कोरोना महामारी की शुरुआत में भारत की स्थिति को लेकर पूरी दुनिया चिंतित थी, लेकिन आज कोरोना से भारत की लड़ाई दुनिया भर को प्रेरित कर रही है। पोस्ट कोरोना विश्व में अब योग और ध्यान को लेकर अब गंभीरता और बढ़ रही है। श्रीमद्भगवद्गीता में लिखा है- सिद्ध्यसिद्ध्योः समो भूत्वा समत्वं योग उच्यते। यानी, सिद्धि और असिद्धि में समभाव होकर योग में रमते हुए सिर्फ कर्म करो, ये समभाव ही योग कहलाता है।
योग के साथ ध्यान की भी आज के विश्व को बहुत अधिक आवश्यकता है। दुनिया के कई बड़े संस्था ये दावा कर चुकी है कि अवसाद मानव जीवन की कितनी बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि ऐसे में मुझे विश्वास है कि आप अपने कार्यक्रम से योग और ध्यान के जरिए इस समस्या से निपटने में मानवता की मदद करेंगे।