15 August Independence Day 2021: 'काकोरी कांड' के हीरो या अंग्रेजों के थे विलेन, यहां पढ़ें
15 August Independence Day 2021: 8 अगस्त को जहां भारत में भारत छोड़ो आंदोलन की सालगिराह मनाई। वहीं 9 अगस्त को काकोरी कांड (Kakori Kand) की सालगिराह मनाई जा रही है।

रामप्रसाद बिस्मिलरामप्रसाद बिस्मिल
15 August Independence Day 2021: 15 अगस्त (15 August) भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण दिन रहा है। आज से 74 साल पहले जिस आजाद भारत की नींव रखी गई, उसकी आजादी (Independence) के लिए 200 सालों तक का संघर्ष चला था। हर इंसान ने देश की स्वाधीनता में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था। जिन्होंने अपनी जान देकर हमें आजादी दिलवाई।
8 अगस्त को जहां भारत में भारत छोड़ो आंदोलन की सालगिराह मनाई। वहीं 9 अगस्त को काकोरी कांड (Kakori Kand) की सालगिराह मनाई जा रही है। अब ऐसे में हर साल कई लोगों के मन ने कई तरह के सवाल उठते हैं कि कैसे देश को आजादी मिली। कौन थे देश के नायक, क्या-क्या हुआ था 200 सालों के संघर्ष के दौरान, यहां हम आपको काकोरी कांड से जुड़ी घटना के प्रमुख तीन बिंदुओं के बारे में बताने जा रहे हैं।
यहां जानें काकोरी कांड क्या था
भारत के इतिहास में आज भी 9 अगस्त 1925 की वो तारीख सुनहरे पन्नों पर दर्ज है, जब आजादी के दीवानों ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए हथियारों की जरूरत के लिए अग्रेजों का खजाना लूट लिया था। ये ऐतिहासिक घटना 9 अगस्त 1925 को हुई थी।
काकोरी कांड के हीरो कौन थे
भारत की आजादी में कई नायकों ने अपनी बाहदूरी दिखाई। लेकिन यहां हम बात कर रहे हैं काकोरी कांड के हीरो कौन थे। इस लिस्ट में सबसे ऊपर रामप्रसाद बिस्मिल का नाम आता है। ये एक ट्रेन डकैती थी, जो उत्तर प्रदेश के काकोरी स्टेशन के पास हुई थी। इसके अलावा राजेन्द्र लाहिड़ी, अशफ़ाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद, रोशन सिंह, शचींद्रनाथ सान्याल, मन्मथनाथ गुप्त जैसे नायकों ने इस डकैती को अंजाम दिया था।

Vipin Yadav
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से स्नातक पूर्ण किया हूं। पढ़ाई के दौरान ही दैनिक जागरण प्रयागराज में बतौर रिपोर्टर दो माह के कार्य का अनुभव भी प्राप्त है। स्नातक पूर्ण होने के पश्चात् ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा हरिभूमि में बतौर एक्सप्लेनर के रूप में कार्यरत हूँ। अध्ययन के साथ साथ ही कंटेंट राइटिंग में विशेष रुचि है।