भारत-चीन के बीच हुई दो दिवसीय वार्ता, ब्रह्मपुत्र विवाद और आपातस्थिति पर हुई चर्चा
भारत के जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों ने दोनों देशों में बहने वाली नदियों पर सहयोग के संबंध में अपने चीनी समकक्षों से बातचीत की। ब्रह्मपुत्र नदी के जल प्रवाह पर चीन द्वारा पिछले वर्ष से आंकड़े उपलब्ध कराना बंद किये जाने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली नदी वार्ता है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 28 March 2018 10:09 AM GMT Last Updated On: 28 March 2018 10:09 AM GMT
भारत के जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों ने दोनों देशों में बहने वाली नदियों पर सहयोग के संबंध में अपने चीनी समकक्षों से बातचीत की। ब्रह्मपुत्र नदी के जल प्रवाह पर चीन द्वारा पिछले वर्ष से आंकड़े उपलब्ध कराना बंद किये जाने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली नदी वार्ता है।
दोनों देशों में बहने वाली नदियों के संबंध में भारत-चीन विशेषज्ञ स्तरीय तंत्र (ईएलएम) की 11वीं बैठक मंगलवार को चीन के हांगझोऊ शहर में समाप्त हुई। वार्ता दो दिन चली।
भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व जल संसाधन मंत्रालय में आयुक्त के पद पर कार्यरत तीरथ सिंह मेहरा ने किया। वहीं चीनी दल का नेतृत्व जल संसाधन मंत्रालय के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मामलों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग विभाग के काउंसल यु शिंगजुंग ने किया।
सहयोग पर की चर्चा
बैठक में ईएलएम शुरू होने से अभी तक उसमें हुई प्रगति और पनबिजली संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने तथा दोनों देशों में बहने वाली नदियों से उत्पन्न होने वाली आपातस्थिति में सहयोग करने पर चर्चा हुई।
15 मई-15 अक्टूबर के बीच चीन देता है आंकड़े
अधिकारियों ने ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदियों में बाढ़ के मौसम में पनबिजली से जुड़े चीन और भारत के आंकड़ों का भी विश्लेषण किया। ईएलएम की शुरूआत 2006 में हुई। इस समझौते के तहत चीन 15 मई से 15 अक्टूबर के बीच ब्रह्मपुत्र नदी के बाढ़ के आंकड़े भारत को उपलब्ध कराता है।
इनपुट-भाषा
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