मुंबई हमले पर बयान के बचाव में शरीफ ने कहा, मैं तो सच बोलूंगा
पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले को लेकर अपने हालिया बयान को लेकर अब भी कायम हैं।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 14 May 2018 4:52 PM GMT
पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले को लेकर अपने हालिया बयान का आज बचाव किया और कहा कि वह सच बोलेंगे, भले ही इसका कुछ भी परिणाम हो। शरीफ ने एक साक्षात्कार में पहली बार सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया कि पाकिस्तान में आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं।
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उन्होंने राज्येत्तर तत्वों को सीमा पार जाने और मुंबई में लोगों को "मारने" की अनुमति देने की नीति पर भी सवाल उठाया। शरीफ की इस स्वीकारोक्ति से पाकिस्तान में विवाद शुरू हो गया और बयान को खारिज करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलायी।
डॉन समाचार पत्र ने खबर दी है कि विवाद पर आज शरीफ की प्रतिक्रिया उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग - नवाज के रुख के विपरीत है। पार्टी अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने कल कहा था कि पार्टी ‘‘रिपोर्ट में किए गए सभी दावों को खारिज करती है, चाहे वे प्रत्यक्ष हों या अप्रत्यक्ष हों।'
68 वर्षीय शरीफ ने इस्लामाबाद में जवाबदेही अदालत के बाहर संवाददाताओं से कहा, "मैंने साक्षात्कार में क्या कहा जो गलत था ?" अदालत में वह भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं।
शरीफ ने अपनी टिप्पणी को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच कहा कि जो सच है, वह वही बोलेंगे।
शरीफ ने कहा कि उन्होंने जो कहा है , उसकी पुष्टि पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ, पूर्व गृह मंत्री रहमान मलिक और पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार महमूद दुर्रानी पहले ही की थी। उन्होंने अफसोस जताया कि जो लोग सवाल पूछते हैं, मीडिया में उन्हें धोखेबाज़ करार दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि हमारे 50,000 (लोगों के) बलिदानों के बाद भी दुनिया हमारी बातों पर ध्यान क्यों नहीं दे रही है ? और जो व्यक्ति यह सवाल पूछ रहा है, उसे गद्दार बताया जा रहा है।
जब एक संवाददाता ने शरीफ से देश में ‘राज्येत्तर तत्वों की मौजूदगी' के बारे में पूछा तो उनके साथ मौजूद उनकी पुत्री मरियम ने कहा ‘‘तो फिर उनके खिलाफ जर्ब ए अज्ब (सैन्य अभियान) किसने चलाया था।'
वर्ष 2014 में पाकिस्तानी सशस्त्र बलों ने विभिन्न आतंकी समूहों के खिलाफ ऑपरेशन जर्ब ए अज्ब चलाया था जो संयुक्त सैन्य अभियान था। डॉन अखबार के अनुसार, इस मुद्दे पर शरीफ भाइयों के विरोधाभासी बयानों के बाद सत्ताधारी दल में मतभेद सामने आ गए।
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