राफेल डील: फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा- भारत के साथ डील के वक्त मैं सत्ता में नहीं था
संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली से अलग एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए इमैनुअल मैक्रों ने कहा कि भारत और फ्रांस सरकार के बीच हुई राफेल डील पर हस्ताक्षर के समय मैं सत्ता में नहीं था।

भारत में जारी राफेल विवाद के बीच फ्रांस के वर्तमान राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने बड़ा बयान दिया है। संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली से अलग एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए मैक्रों ने कहा कि भारत और फ्रांस सरकार के बीच हुई राफेल डील पर हस्ताक्षर के समय मैं सत्ता में नहीं था।
हालांकि इमैनुअल मैक्रों ने इस विवाद के बारे में सीधा-सीधा कुछ नहीं कहा लेकिन उन्होंने कहा कि भारत द्वारा फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट के साथ 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने की डील दो सरकारों के बीच की डील हैं।
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इस मामले पर जब इमैनुअल मैक्रों से पूछा गया कि 'क्या भारत सरकार ने कभी फ्रांस या दसॉल्ट को बताया था कि उन्हें राफेल डील में रिलायंस को भारतीय साझेदार बनाना होगा? इसी पर मैक्रों ने कहा- तब मैं सत्ता में नहीं था।
आपको बता दें कि भारत और फ्रांस के बीच हुई राफेल डील पर भारत में पिछले कई महीनों ने विवाद चल रहा हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस डील को लेकर पीएम मोदी और सरकार पर कई दिनों से हमला कर रहे हैं।
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कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियां इस डील की रकम का खुलासा करने की मांग कर रहे हैं। इस मामले में एनसीपी नेता शरद पवार ने भी सरकार को नसीहत देते हुए कहा था कि राफेल विमान की कीमतों का खुलासा करने में कोई नुक्सान नहीं हैं।
जानकारी के मुताबिक भारत सरकार ने सितंबर 2016 में फ्रांस सरकार से 58 हजार करोड़ रुपए में 36 राफेल फाइटर विमान की डील की थी।
पीएम मोदी ने 2015 में अपनी पेरिस यात्रा के करीब डेढ़ साल बाद इस डील की घोषणा की थी। सूत्रों के मुताबिक साल 2019 में इन विमानों की डिलीवरी शुरू हो जाएगी।
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