मॉब लिंचिंग से देश में असुरक्षा का माहौल, मानसून सत्र में विधेयक लाए सरकार: माकपा
माकपा ने निर्दोष लोगों को भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डालने (लिंचिंग) की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की मांग करते हुए संसद के चालू सत्र में ही इस बाबत विधेयक पेश करने की मांग की है।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 5 Aug 2018 12:36 AM GMT
माकपा ने निर्दोष लोगों को भीड़ द्वारा पीट-पीट कर मार डालने (लिंचिंग) की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने की मांग करते हुए संसद के चालू सत्र में ही इस बाबत विधेयक पेश करने की मांग की है।
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने पार्टी पोलित ब्यूरो की दो दिवसीय बैठक के बाद बताया कि पीट-पीट कर मार डालने की घटनाओं सहित अन्य तरीकों से फैलाए जा रहे भय के कारण पूरे देश में असुरक्षा का माहौल है।
इतना ही नहीं आज केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर दिल्ली स्थित केरल हाउस में हुए हमले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इससे देश में असुरक्षा का अंदाजा लगाया जा सकता है।
येचुरी ने कहा कि भाजपा के नेता और समर्थक ‘लिंचिंग' के आरोपियों के बचाव में खुलकर सामने आ रहे हैं। इसके मद्देनजर पोलित ब्यूरो ने इस पर मानसून सत्र में विधेयक पेश करने की सरकार से मांग की है।
येचुरी ने बताया कि इसके अलावा पोलित ब्यूरो ने आगामी नौ अगस्त को मजदूरों के जेल भरो आंदोलन और पांच सितंबर को दिल्ली में किसानों के आंदोलन को समर्थन देने का फैसला किया। पार्टी कार्यकर्ताओं से इन आंदोलनों को मजबूत बनाने में हरसंभव सहयोग देने की अपील की गयी है।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजातियों के खिलाफ अत्याचार संबंधी कानून को कमजोर करने की कोशिशों को रोकने के लिए पार्टी पोलित ब्यूरो ने इस कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की जिससे इसे न्यायिक समीक्षा के दायरे से बाहर लाया जा सके।
असम में एनआरसी के मुद्दे पर येचुरी ने राज्य में गंभीर हालात होने का हवाला देते हुए भाजपा और तृणमूल कांग्रेस पर इस मामले में मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि इसके मद्देनजर पोलित ब्यूरो ने सरकार से किसी भी भारतीय को नागरिकता से वंचित नहीं होने देने की मांग की।
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