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1984 के दंगे: पूर्व कांग्रेस पार्षद ने कोर्ट में फिर से मुकदमा नहीं चलाने की गुहार लगाई
सिख विरोधी दंगों के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर ने दिल्ली हाईकोर्ट में उन मामलों में फिर से सुनवाई नहीं करने की गुहार लगाई।

टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्ली11 Jan 2018 5:33 AM GMT
साल 1984 के सिख विरोधी दंगों के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर ने आज दिल्ली उच्च न्यायालय में उन मामलों में फिर से सुनवाई नहीं करने की गुहार लगाई जिनमें उन्हें बरी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पुन: सुनवाई से उनकी पूरी जिंदगी प्रभावित होगी।
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खोखर अपने और अन्य लोगों के खिलाफ सिख विरोधी दंगों के पांच मामलों में पुन: जांच करने और फिर से मुकदमा चलाने के उच्च न्यायालय के 29 मार्च, 2017 के फैसले पर जवाब दे रहे थे।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा की पीठ ने उनसे जानना चाहा था कि उसे उनके खिलाफ पुन: जांच और फिर मुकदमा चलाने का आदेश क्यों नहीं दिया जाना चाहिए जबकि उन पर मानवता के खिलाफ भयावह अपराध को अंजाम देने के आरोप हैं।
दंगों के एक और मामले में फिलहाल जेल में बंद 69 वर्षीय खोखर ने एक हलफनामे के माध्यम से यह दावा भी किया कि वह कभी किसी आपराधिक गतिविधि में संलिप्त नहीं रहे।
हलफनामे में कहा गया, ‘‘बल्कि उन्होंने तो बाद में दंगा पीड़ितों की मदद की। फरियादी ने लंबी अवधि बाद उनका नाम लिया था जो पूरी तरह बाद में पैदा हुई सोच का नतीजा है। अनियंत्रित भीड़ ने जिन दंगों को अंजाम दिया, उनमें उनकी कोई भूमिका नहीं थी।' खोखर को यहां तिहाड़ जेल से अदालत में पेश किया गया था।
हलफनामे में कहा गया कि जब 200 से 500 लोगों ने एक घर पर हमला कर दिया था तो भीड़ में एक भी शख्स को पहचानना बहुत मुश्किल था।
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