ED ने अदालत से कहाः पत्रकार उपेन्द्र राय ने उगाही के माध्यम से जुटाई गई संपत्तियों को वैध दिखाया
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को दिल्ली की एक अदालत के समक्ष आरोप लगाया कि पत्रकार उपेंद्र राय ने एक पत्रकार के रूप में ‘‘ब्लैकमेल'''' और ‘‘उगाही'''' के माध्यम से जुटाई गई 45.98 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को वैध के रूप में दिखाया था।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 7 Aug 2018 2:17 AM GMT
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की एक अदालत के समक्ष आरोप लगाया कि पत्रकार उपेंद्र राय ने एक पत्रकार के रूप में ‘‘ब्लैकमेल' और ‘‘उगाही' के माध्यम से जुटाई गई 45.98 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियों को वैध के रूप में दिखाया था। राय को ईडी ने धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दंडनीय धन शोधन के अपराध के आरोप में गिरफ्तार किया था।
ईडी ने कथित उगाही और संदिग्ध लेन-देन से संबंधित धनशोधन के मामले में आज अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा के समक्ष पत्रकार उपेंद्र राय के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया। ईडी ने धन शोधन के अपराध में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की है। न्यायाधीश ने मामले पर विचार करने के लिये आठ अगस्त की तारीख तय की है।
विशेष लोक अभियोजक एन के मट्टा और नीतेश राणा ने आरोप पत्र दायर किये। एजेंसी ने अदालत को बताया कि राय एक पत्रकार है जिसने एक मीडियाकर्मी के रूप में सरकारी कार्यालयों तक अपनी पहुंच का लाभ उठाया। उसने कई सरकारी अधिकारियों के साथ अपने संबंधों का अवांछित लाभ उठाया।
एजेंसी ने यह भी आरोप लगाया था कि आरोपी ने विभिन्न लोगों से यह दावा करके धन की उगाही की है कि उसके पास उनके खिलाफ जानकारी है क्योंकि वह एक पत्रकार है।
आरोप पत्र में कहा गया है,‘‘वह पीड़ित लोगों को उसकी लग्जरी यात्रा और रूकने का खर्चा वहन करने के लिए मजबूर करता था और इस तरह वह एक आलीशान जीवन शैली जीता था।'
इसमें कहा गया है कि आरोपी ने कई पार्टियों की गोपनीय जानकारी प्राप्त करने के लिए "खोजी पत्रकारिता" का हथकंडा भी अपनाया और उसके बाद, उनसे संपर्क किया और धमकी दी कि यदि पैसे देने की उसकी मांग को पूरा नहीं किया गया तो मीडिया में उनकी जानकारी प्रकाशित कर दी जायेगी।
एजेंसी ने कहा कि अपनी आपराधिक गतिविधियों से कमाये धन का इस्तेमाल वह अपने नाम या अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर विभिन्न चल और अचल संपत्तियों को खरीदने में करता था। अपने आरोप पत्र में एजेंसी ने बैंक रिकार्ड और राय की स्वामित्व वाली विभिन्न फर्मो के चालान और ईडी तथा बैंक के अधिकारियों समेत 35 गवाहों के बयानों समेत 68 दस्तावेजों का उल्लेख किया है।
उसे ईडी ने आठ जून को गिरफ्तार किया था और इसके कुछ क्षण बाद ही कथित उगाही और संदिग्ध लेन देन से संबंधित सीबीआई के एक मामले में उसे जमानत मिल गई थी। ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी पर उसके खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया था।
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