मौत की धमकियों के चलते पाकिस्तान छोड़ सकती है ईशनिंदा मामले में बरी ईसाई महिला
ईशनिंदा की दोषी ठहराई गयी और पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट द्वारा बाद में बरी कर दी गयी ईसाई महिला देश से रवाना हो सकती है। शीर्ष अदालत के इस फैसले से पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये और कट्टरपंथी संगठनों ने महिला को जान से मारने की धमकी देना भी शुरू कर दिया।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 1 Nov 2018 10:38 PM GMT
ईशनिंदा की दोषी ठहराई गयी और पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट द्वारा बाद में बरी कर दी गयी ईसाई महिला देश से रवाना हो सकती है। शीर्ष अदालत के इस फैसले से पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये और कट्टरपंथी संगठनों ने महिला को जान से मारने की धमकी देना भी शुरू कर दिया।
आसिया बीबी को 2010 में पड़ोसियों के साथ विवाद में इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगा था। चार बच्चों की मां 47 वर्षीय आसिया बार बार खुद को बेगुनाह बताती रहीं। हालांकि पिछले आठ साल में अधिकतर वक्त उन्होंने जेल में बिताया है।
शीर्ष अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया। इसके बाद इस्लामी राजनीतिक दल तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान और अन्य संगठनों के नेतृत्व में पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शन शुरू हो गये। प्रदर्शनकारियों ने देश के विभिन्न हिस्सों में राजमार्ग और सड़कों को अवरुद्ध किया।
'द न्यूज' ने सूत्रों के हवाले से कहा कि बीबी के पति आशिक मसीह उन्हें अपने साथ ले जाने के लिए ब्रिटेन से अपने परिवार के साथ पाकिस्तान पहुंच गये हैं। खबर के अनुसार कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने मसीह को पूरी सुरक्षा प्रदान की।
अधिकारियों ने यह भी कहा कि बीबी अपनी जान को खतरा होने के कारण पाकिस्तान से किसी दूसरे देश के लिए रवाना हो सकती हैं। इससे पहले बीबी को ईशनिंदा कानून के तहत दोषी ठहराया गया था और मौत की सजा सुनाई गयी थी। वह पहली महिला थीं जिन्हें इस मामले में मृत्युदंड सुनाया गया।
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