डोकलाम विवाद को लेकर टॉप अफसरों की सीक्रेट मीटिंग, जल्द बनेगी बात
डोकलाम विवाद का मुख्य कारण उसकी अवस्थिति है। यह एक ट्राई-जंक्शन है, जहां भारत, चीन और भूटान कि सीमा मिलती है।

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, विदेश सचिव विजय गोखले और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल इस माह के शुरू में चुपचाप भूटान के अभूतपूर्व दौरे पर गए। वहां के नेतृत्व के साथ डोकलाम में स्थिति सहित रणनीतिक मुद्दों पर गहन बातचीत की।
दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय सुरक्षा और रक्षा सहयोग के मुद्दों की समीक्षा की। इस दौरान दोनों पक्षों ने महत्वपूर्ण डोकलाम पठार में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी तथा अवसंरचना विकास पर ध्यान केंद्रित किया।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि यह दौरा 6 और 7 फरवरी को हुआ और प्रमुख भारतीय अधिकारियों तथा भूटान सरकार के बीच बैठकों से ‘सकारात्मक' परिणाम सामने आए। जनरल रावत, डोभाल और गोखले का यह दौरा डोकलाम गतिरोध के बाद भारत की ओर से भूटान का पहला शीर्ष स्तरीय दौरा था।
इसे भी पढ़ें- पाकिस्तान में राजपूत परिवार का दबदबा, करणी सिंह से खौफ खाती है पूरी सिंध रियासत
सूत्रों ने बताया कि भूटानी पक्ष ने भूटान तथा चीन के बीच सीमा वार्ताओं की स्थिति के बारे में भारतीय पक्ष को अवगत कराया और इस बात पर जोर दिया कि डोकलाम त्रिसंगम में थिम्पू शांति चाहता है।
डोकलाम में पिछले साल 16 जून से 73 दिनों तक भारतीय और चीनी सैनिक आमने सामने थे। यह गतिरोध तब शुरू हुआ था जब भारतीय पक्ष ने चीनी सेना द्वारा विवादित डोकलाम त्रिसंगम पर किए जा रहे सड़क निर्माण कार्य को रोक दिया था। डोकलाम में चला यह गतिरोध 28 अगस्त 2017 को खत्म हुआ था। चीन और भूटान इलाके में विवाद के समाधान के लिए बातचीत कर रहे हैं।
इसे भी पढ़ें- चीन से मिला पाकिस्तान को बड़ा लोन, लेकिन रखी ये शर्त
भारत का तर्क है कि इस त्रिसंगम से तीन देश जुड़े हैं, इसलिए इस मुद्दे पर उसका पक्ष भी सुना जाना चाहिए, खास कर 2012 में दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच हुए समझौते की पृष्ठभूमि में। भूटान के चीन के साथ राजनयिक संबंध नहीं हैं।
भारत के करीबी मित्र और पड़ोसी के तौर पर भूटान के नयी दिल्ली के साथ राजनयिक और सैन्य संबंध रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि इस दौरे में सेना और विदेश मंत्रालय के कुछ अन्य प्रमुख अधिकारी भी गए थे। विदेश सचिव के दौरे के बारे में पूछे जाने पर एक राजनयिक सूत्र ने इसे ‘नियमित' बताया।
नौ महीने में दूसरी बार
पिछले नौ माह में यह जनरल रावत का दूसरा भूटान दौरा था। जनरल रावत चीन के साथ लगने वाली करीब 4,000 किमी लंबी सीमा पर भारत द्वारा पर्याप्त ध्यान दिए जाने की बात कहते हैं। पिछले माह उन्होंने कहा था कि समय आ गया है जब देश को अपना फोकस पश्चिम से उत्तरी सीमा की ओर करना चाहिए।
उत्तरी डोकलाम में चीन
सेना के सूत्रों ने बताया कि चीन के सैनिक उत्तरी डोकलाम में हैं और वह इलाके में अपनी अवसंरचना को भी मजबूत कर रहा है। भारतीय सेना भी चीन भारत सीमा पर कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों में अपना सैनिक स्तर मजबूत कर रही है। साथ ही सीमाई अवसंरचना को भी बढ़ाया जा रहा है।
क्या है विवाद
डोकलाम विवाद का मुख्य कारण उसकी अवस्थिति है। यह एक ट्राई-जंक्शन है, जहां भारत, चीन और भूटान कि सीमा मिलती है। वैसे तो भारत का इस क्षेत्र पर कोई दावा नहीं है।
दरअसल इस क्षेत्र को लेकर चीन भूटान के बीच में विवाद है। वर्तमान में यहां चीन का कब्जा है और भूटान उस पर दावा करता है। भूटान और भारत के बीच 1949 से ही परस्पर विश्वास और स्थायी दोस्ती का करीबी संबंध है।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App