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10 लाख बैरल प्रतिदिन बढेगा कच्चे तेल का उत्पादन, जल्द कम होंगी पेट्रोल-डीजल की कीमतें

रूस से मुलाकात के दौरान ओपेक ने सदस्य देशों ने पेट्रोलियम उत्पादन बढ़ाने का वादा तो किया, लेकिन बढ़ोतरी की मात्रा पर स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

10 लाख बैरल प्रतिदिन बढेगा कच्चे तेल का उत्पादन, जल्द कम होंगी पेट्रोल-डीजल की कीमतें
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कच्चे तेल के बढ़ते दाम और अंतरराष्ट्रीय बाजार पर इसके नकारात्मक असर के बीच तेल निर्यातक 14 देशों के समूह (ओपेक) ने इसका उत्पादन बढ़ाने पर सहमति दे दी है। ओपेक देश अब प्रतिदिन 10 लाख बैरल कच्चे तेल का प्रोडक्शन बढ़ा देंगे।

विशेषज्ञों का मानना है कि ओेपेके के फैसले का असर जल्द विश्व बाजार में दिखने लगेगा और अब इस साल तेल के दाम में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होगी।

इधर भारतीय बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे तेल की उत्पादन बढ़ने से देश में कीमतों में थोड़े समय के लिए कमी आएगी, लेकिन 2015-16 वाली स्थिति फिर से लौटना मुश्किल है, जब क्रूड 30 डॉलर प्रति बैरल के आस-पास पहुंच गया था।

बता दें कि भारत में क्रूड की रोजाना खपत 45 लाख बैरल है जिसका 83 फीसदी इंपोर्ट किया जाता है। कुल इंपोर्ट के 80 फीसदी से ज्यादा ओपेक देशों से होता है।

फैसले के बाद भी बढ़ी कीमतें

शनिवार को रूस से मुलाकात के दौरान ओपेक ने सदस्य देशों ने पेट्रोलियम उत्पादन बढ़ाने का वादा तो किया, लेकिन बढ़ोतरी की मात्रा पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी।

इससे पहले ओपेक सदस्य देशों ने शुक्रवार को अपनी बैठक में पेट्रोलियम उत्पादन बढ़ाने संबंधी करार किया था, लेकिन उसमें भी मात्रा पर संशय बरकरार था।

इस दौरान कच्चे तेल का भाव 3.4 फीसद यानी ढाई डॉलर चढ़कर 75.55 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। ओपेक की 10 गैर-ओपेक तेल उत्पादक देशों के साथ बैठक के बाद अंगोला के पेट्रोलियम मंत्री दायमंतिनो अजावेदो ने कहा कि बैठक में शामिल देश तेल उत्पादन बढ़ाने पर राजी हो गए हैं।

रूस के समर्थन में सऊदी अरब ने दुनियाभर की चिंता को दूर करने के लिए तेल उत्पादन बढ़ाने का प्रस्ताव रखा था। एक अमेरिकी ऑयल एक्सपर्ट के मुताबिक, ‘मार्केट को ओपेक मीटिंग से बड़ी मात्रा में ऑयल प्रोडक्शन बढ़ने की उम्मीदें थीं।

2016 में कम किया था उत्पादन

रूस के ऊर्जा मंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने शनिवार को कहा कि ओपेक और गैर-ओपेक देशों को उत्पादन में कम से कम 15 लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ोतरी का आग्रह किया गया था।

बता दें कि वर्ष 2016 में कच्चे तेल की कीमत गिरकर 27 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई थी। उसके बाद ओपेक ने पिछले वर्ष उत्पादन में 18 लाख बैरल प्रतिदिन कटौती का फैसला किया था ताकि गिरते भाव को संभाला जा सके।

प्रतिदिन 28 लाख बैरल की कमी

इस फैसले के बाद कच्चे तेल की कीमत बढ़नी शुरू हुई, जो अब 75 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर है। लेकिन वेनुजुएला, लीबिया और अंगोला में अप्रत्याशित घटनाक्रमों के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की आपूर्ति में 28 लाख टन प्रतिदिन की कमी आ चुकी है।

सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री खालिद-अल-फलीह ने चालू वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान दुनियाभर की कच्चे तेल की आपूर्ति में 18 लाख बैरल प्रतिदिन तक की कमी की चेतावनी दी है।

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