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पाकिस्तान पर चीन का दबदबा, दोस्ती को बढ़ाने के लिए अपनाई चीनी भाषा

पाकिस्तान चीन से संबंध को बेहतर बनाने के लिए चाइनीज भाषा ''मंदारिन'' को आधिकारिक भाषा बना दिया है।

पाकिस्तान पर चीन का दबदबा, दोस्ती को बढ़ाने के लिए अपनाई चीनी भाषा
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पाकिस्तान ने चीन से बेहतर संबंध बनाने के लिए चाइनीज भाषा 'मंदारिन' को आधिकारिक भाषा बना दिया है। एजेंसी एएनआई के अनुसार मंदारिन को पाकिस्तान में आधि‍कारिक भाषा का दर्जा दिया गया है।
आपको बता दें कि चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर 60 अरब डॉलर की परियोजना के बाद पाकिस्तान चीन से अपनी दोस्ती को बढ़ने में कोई कोताही नहीं बरतना चाहता हैं। जिस वजह से पाकिस्तान ने चीनी भाषा को आधिकारिक भाषा बना दिया हैं।

पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी का ट्वीट

अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत हुसैन हक्कानी ने ट्वीट करते हुए कहा कि 70 सालों में पाकिस्तान ने चार भाषाओं का प्रसार किया। लेकिन ये भाषा पाकिस्तान कि मातृभाषा नहीं है।
वही पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा पंजाबी और पश्तो है। जिसको अभी तक पाकिस्तान ने आधिकारिक भाषा का दर्जा नहीं दिया है। उर्दू, अरबी, अंग्रेजी, के बाद अब चाइनीज भी इसमें शामिल हो गई है।

मंदारिन सीखने का मतलब पाकिस्तान में आधिक रोजगार

पाक ये सोचता है कि अगर पाकिस्तान में चीनी भाषा मंदारिन को सिखाया जाए तो रोजगार के अवसर बढ़ सकते है। वही पाक ने प्रस्ताव को लाते हुए यह कहा कि अगर मंदारिन को दक्षिण एशियाई देश का अधिकारिक भाषा के इस्तेमाल के तौर पर लाया जाता है तो इस्लामाबाद और बीजिंग के बीच संबंध और मजबूत हो जाएगे।
जिससे पाकिस्तान को फायदा होगा, चीन-पाकिस्तान जो आर्थिक गतिविधियों से जो जुड़े है उनके बीच संवाद करना सरल हो जाएगा।

चीन और पाकिस्तान कि दोस्ती पर सवाल

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अमेरिकी प्रशांत कमांड के कमांडर एडमिरल हैरी हैरिस ने चीन और पाकिस्तान कि दोस्ती पर सवाल खड़े करते हुए किए। अमेरिकी संसद की एक समिति के समक्ष सुनवाई में कहा कि वास्तव में 'वन बेल्ट वन रोड' (ओबीओओ) चीन के लिए आर्थिक दृष्टि कही आगे की सोच हैं।
चीन भारत-प्रशांत के क्षेत्र में अमेरिका और उनके समर्थन को खत्म कराना चाहता है। गौरतलब है कि चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा भारत की संप्रभुता को तोड़ती है। भारत के विरोध के बाद अमेरिका समेत कई देश ओबीओओर के विरोध में अब खुलकर सामने आ रहे हैं।

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