करमापा के अरुणाचल आने पर भड़का चीन, दी भारत को नसीहत
चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी-तिब्बत का हिस्सा मानता है।

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haribhoomi.comCreated On: 6 Dec 2016 12:00 AM GMT
पेइचिंग. आध्यात्मिक गुरु व 17वें करमापा उग्येन त्रिनले दोरजी की हाल में अरुणाचल यात्रा पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। चान ने कहा है कि, भारत को ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे सीमा विवाद जटिल हो जाए। करमापा ने पिछले हफ्ते अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था जिसे चीन दक्षिणी-तिब्बत का हिस्सा बताता है।
करमापा के दौरे पर एक सवाल का जवाब देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा, 'भारत के पूर्वी हिस्से पर चीन का रुख स्पष्ट है। हम उम्मीद करते हैं कि भारत संबंधित सहमति का पालन करेगा और ऐसी किसी कार्रवाई से दूर रहेगा जो सीमा विवाद को जटिल बनाती हो।' तिब्बती आध्यात्मिक गुरु व 17वें करमापा उग्येन त्रिनले दोरजी ने बीतें दिनों अरुणाचल प्रदेश की यात्रा की थी। जिसपर चीन के तल्ख हो जाने की संभावना थी।
इस मसले पर चीन के प्रवक्ता लु कांग ने कहा कि, 'सीमावर्ती इलाकों में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने और द्विपक्षीय संबंधों में दृढ़ और स्थिर प्रगति ही दोनों पक्षों के आम हित में हैं।' यह पूछने पर कि क्या चीन ने इस बारे में भारत से कोई विरोध जताया है तो उन्होंने कहा कि चीन और भारत इस पर नियमित संवाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'जब सीमा का सवाल आता है तो भारतीय पक्ष चीन के दृढ़ रुख से परिचित है। 17वें करमापा ने अरुणाचल प्रदेश के अपने पहले दौरे में पश्चिम कामेंग जिले का दौरा किया था और कालाकटांग जाने से पहले तांजीगांग के ग्यूतो मठ में तिब्बतियों को उपदेश दिया था।
करमापा की यात्रा पर चीन ने बेहद सधी और कठोर प्रतक्रिया दी है। दलाई लामा की अक्टूबर में की गई अरुणाचल यात्रा पर चीन ने कड़ी प्रतक्रिया व्यक्त की थी। गौरतलब है कि चीन दलाई लामा, भारतीय नेताओं और विदेशी प्रतिनिधियों की अरुणाचल यात्रा का विरोध करता रहा है क्योंकि इसे वह दक्षिणी-तिब्बत का हिस्सा मानता है।
साभार- TOI
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