बांग्लादेशी हिंदुओं ने ट्रंप से कहा- बचा लो कट्टरपंथियों से
कई बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों ने न्यूयॉर्क स्थित ट्रंप टावर के बाहर प्रदर्शन किया।

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haribhoomi.comCreated On: 28 Nov 2016 12:00 AM GMT
ढाका. इस्लामी कट्टरपंथियों के जुल्म से बचने के लिए बांग्लादेशी हिंदुओं ने अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मदद की गुहार लगाई है। बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार के विरोध में कई बांग्लादेशियों ने न्यूयॉर्क स्थित ट्रंप टावर के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का आयोजन बांग्लादेशी मूल के हिंदुओं ने किया था।
प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप को बांग्लादेश में गैर-मुसलमानों की बचाने के लिए दखल देना चाहिए। हिंदुओं का कहना है कि, उन्हें इस्लामी कट्टरपंथियों से जान का खतरा है। बांग्लादेश में अलसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं खास तौर पर हिंदुओं का कत्लेआम किया जा रहा है। बता दें कि बांग्लादेश 1971 में पाकिस्तान से अलग होकर स्वतंत्र देश बना था। इस समय बांग्लादेश में एक करोड़ से अधिक हिंदू रहते हैं। 1971 में अलग देश बनने के बाद पिछले 40 सालों में यहां के हिंदुओं की आबादी करीब आधी हो गई है।
ट्रंप टावर के बाहर प्रदर्शन-
ट्रंप टावर के बाहर हुए प्रदर्शन के आयोजकों में एक सितांग्शु गुहा ने मीडिया से कहा, “हमने डोनाल्ड ट्रंप को वोट दिया है और अब हम उन्हें बताना चाहते हैं कि बांग्लादेश में हिंदुओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों का लगातार उत्पीड़न हो रहा है और ये रुकने का नाम नहीं ले रहा है। हम चाहते हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप कार्यभार संभालने के बाद मानवता के नाते इस मसले पर कोई कदम उठाएं।” प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप की टीम को एक विज्ञप्ति भी दी जिसमें ब्राह्मणबरिया और संताल में हुई हत्याओं का जिक्र किया गया है।
हिंदुओं का कत्लेआम-
नवंबर के पहले हफ्ते में ब्राह्मणबरिया जिले के नासिरनगर इलाके में कम से कम 15 मंदिरों और 20 से अधिक मकानों में तोड़फोड़ की गई है। पुलिस ने 78 संदिग्ध हमलावरों को गिरफ्तार किया है और फरार आरोपियों पर इनाम रखा है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर होने वाले हमले में पिछले कुछ सालों में बढ़ोतरी हुई है। पिछले कुछ सालों में आधा दर्जन धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों/लेखकों की इस्लामी चरमपंथी हत्या कर चुके हैं।
बांग्लादेश छोड़ रहे हिंदू-
बांग्लादेश में हिंदुओं के पलायन पर टिप्पणी करते हुए ढाका विश्वविद्यालय (डीयू) के प्रोफेसर और अर्थशास्त्री डॉ. अब्दुल बरकत ने कहा कि, अगर ‘पलायन’ की मौजूदा दर जारी रहती है तो बांग्लादेश में अब से 30 साल बाद कोई हिंदू नहीं बचेगा क्योंकि हर दिन देश से अल्पसंख्यक समुदाय के औसतन 632 लोग मुस्लिम बहुल देश को छोड़कर जा रहे हैं।
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