अयोध्या विवादः सुप्रीम कोर्ट ने फिर टाली सुनवाई, अब 6 अप्रैल को होगा फैसला
अयोध्या विवाद मामले के लिए आज बड़ा दिन है। सुप्रीम कोर्ट में आज दोपहर बाद 2 बजे से मामले की सुनवाई होगी।

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टीम डिजिटल/हरिभूमि, दिल्लीCreated On: 23 March 2018 2:07 PM GMT Last Updated On: 23 March 2018 2:07 PM GMT
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 अप्रैल की तारीख निर्धारित की है। बता दें कि अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के चलते सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई।
Supreme Court fixed #Ayodhya case for further hearing on April 6.
— ANI (@ANI) March 23, 2018
अयोध्या विवाद मामले के लिए आज बड़ा दिन कहा जा रहा था। सुप्रीम कोर्ट में आज दोपहर बाद 2 बजे से इस मामले की सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट को आज इस पर फैसला करना था कि मामला 3 सदस्यीय बेंच के पास रखा जाए या उससे बड़ी बेंच के पास भेजा जाए।
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बता दें कि इस मामले की हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए अपने अहम फैसले में तीसरे पक्षों की सभी 32 हस्तक्षेप याचिकाएं खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद मामले में आज यानि 23 मार्च को अगली सुनवाई की तारीख तय की थी।
राम जन्मभूमि विवाद मामले पर फैसला आने में अभी देरी हो सकती है। ऐसा इसलिए क्योंकि अभी तो इसी बात का फैसला होना बाकि है कि इस मामले की सुनवाई 3 जजों की बेंच करेगी या बड़ी बेंच।
सुप्रीम कोर्ट को पहले यह तय करना होगा कि क्या 1994 के उस फैसले पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है या नहीं जिसमें यह कहा गया था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का इंटिगरल पार्ट नहीं है।
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जानें इससे पहले की सुनवाई में क्या हुआ था
गौरतलब है कि 1994 में हुए फैसले में पांच जजों की पीठ ने राम जन्मभूमि विवाद पर मौजूदा स्थिति को बरकरार रखने का निर्देश दिया था जिससे हिंदू पूजा बाधित न हो। साथ ही उस फैसले में पांच जजों की पीठ ने यह भी कहा था कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का इंटिगरल पार्ट नहीं है।
2010 की सुनवाई में हुआ था भूमि का बंटवारा
बता दें कि 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला देते हुए भूमि का बंटवारा किया गया था जिसमें 2.77 एकड़ जमीन का एक तिहाई हिस्सा हिंदू, एक तिहाई मुस्लिम और एक तिहाई राम लला को दिया गया था। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने संविधान पीठ के 1994 के फैसले पर की तर्ज पर ही हिंदुओं के अधिकार को मान्यता दी थी।
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