असम में तीन लाख लोग हुए बेघर, राहत शिविर में रहने को मजबूर
जिला कोकराझा़ड़ में 92 शिविर खोले गए हैं जिसमें 2.35 लाख लोग शरण ले के रह रहे हैं।

गुवाहाटी.नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के उग्रवादी हमले के बाद अब तकरीबन तीन लाख लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। जानकारी के मुताबिक यह पीड़ित लोग चार जिलों में राहत शिविरों में रह रहे हैं। और असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, सोनितपुर,चिरांग,उदलपुरी,कोकराझाड़ के 139 शिविरों में 2.86 लाख लोग रह रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक कोकराझा़ड़ में 92 शिविर खोले गए हैं जिसमें 2.35 लाख लोग शरण ले के रह रहे हैं। जिला चिरांग के 26 शिविरों में 35000 लोग रह रहे हैं। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक जिला सोनितपुर में 12 राहत शिविर लगाए गए हैं जिसमें तकरीबन 12000 लोग इस समय रह रहे हैं। जबकि उदलपुरी जिले में 9 शिविरों का संचालन किया जा रहा है। जिसमें तकरीबन 5000 लोग शरण ले के रह रहे हैं।
असम आपदा प्रबंधन प्राधिकारण ने बताया कि बच्चों का भोजन,खाद्य सामग्री और कंबल जैसी राहत सामग्री में कोई कमी नहीं है। ज्ञात हो कि 23 दिसंबर को उग्रवादी संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया ने अलग अलग जिलों में आदिवासियों समेत अनेक लोगों का नरसंहार किया था जिसमें 81 लोगों की मौत हो गई थी जिसमें 26महिलाएं और 18 बच्चे शामिल थे। जिसके बाद ये लोग शिविरों में शरण लेने को मजबूर हैं।
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