दोस्ती के नाम पर पाकिस्तान को ''कंगाल'' बना रहा चीन, अब तक हुआ इतना घाटा
पाकिस्तान सेंट्रल बैंक ने पॉलिसी रेट को 2017-18 में 5.7 प्रतिशत पर स्थिर रखा था। इसकी वजह से पैसे की सप्लाइ को 13.7 प्रतिशत बढ़ाना पड़ा, जिसका उसे नुकसान हुआ।

चीन से दोस्ती की पाकिस्तान को अब भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। इससे जुड़ी एक रिपोर्ट भी सामने आई है। एशियन डिवेलपमेंट बैंक (एडीबी) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2017-18 में पाकिस्तान का चालू खाते का घाटा 4.5 प्रतिशत बढ़ गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह सब चीन के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) की वजह से हो रहा है। दरअसल, सीपीईसी के काम को ठीक से चलाने के लिए पाकिस्तान लगातार आयात कर रहा है।
इसका उसपर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। एडीबी ने यह रिपोर्ट 'एशियन डेवलपमेंट आउटलुक 2018' के नाम से जारी की है। सीपीईसी के तहत सबसे ज्यादा काम ऊर्जा सप्लाइ बढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
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इस वजह से पाकिस्तान सेंट्रल बैंक ने पॉलिसी रेट को 2017-18 में 5.7 प्रतिशत पर स्थिर रखा था। इसकी वजह से पैसे की सप्लाइ को 13.7 प्रतिशत बढ़ाना पड़ा, जिसका उसे नुकसान हुआ।
पाकिस्तान में विदेशी मुद्रा लेन-देन का संकट भी गहरा रहा है। पहली यह कि प्रवासी पाकिस्तानियों ने अपने देश पैसा भेजना बंद कर दिया और दूसरी यह कि पाकिस्तान लगातार सीपीईसी के लिए आयात कर रहा है और बहुत सारा पैसा इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए चीन को दे रहा है।
संकट से उबरने की कोशिश
पाकिस्तान ने विदेशी मुद्रा लेन-देन के संकट से उभरने की कोशिश शुरू कर दी हैं। खबरों के मुताबिक, इसके लिए पाकिस्तानी प्रवासियों और रईस चीनी निवेशकों से उधार लिया जाएगा।
पाकिस्तान को चालू खाते का घाटा कम करने के लिए 17 अरब डॉलर का कर्ज लेना होगा। यह चेतावनी वर्ल्ड बैंक ने पिछले साल ही दे दी थी।
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